क्या दिल्ली को भारत की राजधानी रहना चाहिए? वायु गुणवत्ता के संकट पर थरूर का सवाल

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने सवाल किया कि क्या दिल्ली को भारत की राजधानी बनी रहनी चाहिए, क्योंकि शहर में वायु प्रदूषण 'अत्यधिक गंभीर' स्थिति में पहुंच गया है। यह विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से तय दैनिक अधिकतम मात्रा से 60 गुना अधिक है।

Nov 19, 2024 - 10:16
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क्या दिल्ली को भारत की राजधानी रहना चाहिए? वायु गुणवत्ता के संकट पर थरूर का सवाल

नई दिल्ली (आरएनआई) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने सोमवार को सवाल किया कि क्या दिल्ली को भारत की राजधानी बनी रहनी चाहिए, क्योंकि शहर में वायु प्रदूषण 'अत्यधिक गंभीर' स्थिति में पहुंच गया है। यह विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से तय दैनिक अधिकतम मात्रा से 60 गुना अधिक है। जहरीली धुंध (धुएं और कोहरे का एक जहरीला मिश्रण) पिछले कुछ दिनों से दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में छायी हुई है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 'गंभीर प्लस' श्रेणी में पहुंच गया है। जिससे अधिकारियों को स्कूलों को ऑनलाइन कक्षाओं में बदलने और सख्त वायु प्रदूषण नियंत्रण उपायों को लागू करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। 

थरूर ने एक्स पर लिखा, दिल्ली आधिकारिक रूप से दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर है। इसका प्रदूषण का स्तर चार गुना खतरनाक है और यह दुनिया के दूसरे सबसे प्रदूषित शहर ढाका से करीब पांच गुना ज्यादा प्रदूषित है। यह सही नहीं है कि हमारी सरकार वर्षों से इस संकट को देख रही है और कुछ भी नहीं कर रही है। 

कांग्रेस सांसद ने कहा कि वह 2015 से विशेषज्ञों और हितधारकों के साथ 'वायु गुणवत्ता गोलमेज' कार्यक्रम करते थे। लेकिन पिछले साल उन्होंने इसे छोड़ दिया क्योंकि कुछ भी बदलाव नहीं दिख रहा था और किसी को भी इसकी परवाह नहीं थी। थरूर ने आगे कहा, यह शहर नवंबर से जनवरी तक पूरी तरह से रहने लायक नहीं है और बाकि साल भी बमुश्किल रहने योग्य है। क्या इसे हमारी राजधानी रहना चाहिए?

दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्रों में करीब सात करोड़ लोग रहते हैं और सर्दियों में वायु प्रदूषण के मामले में विश्व रैकिंग में यह शीर्ष स्थान पर है। इसका कारण है कि ठंडी हवा पड़ोसी राज्यों पंबाज और हरियाणा में किसानों द्वारा जलाई जा रही पराली के धुएं को फंसा देती है, जिससे प्रदूषण का स्तर और भी बढ़ जाता है। 

दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्रों में आज सुबह एक मोटी जहरीली धुंध की परत छाई रही और वायु गुणवत्ता सूचकांक करीब 500 तक पहुंच गया। वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान और अनुसंधान प्रणाली (सफर) के आंकड़ों के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक सुबह 6 बजे 494 दर्ज किया गया, जो इस सीजन का अब तक का सबसे खराब आंकड़ा है। 

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