कोविड-19 के कारण लगभग दो साल घट गई है लोगों की औसत आयु

वैश्विक स्तर पर जारी कोरोना महामारी को चार साल से अधिक का समय बीत गया है। इस दौरान कोरोना के वैरिएंट्स में कई बार म्यूटेशन हुआ और संक्रमितों में हल्के से लेकर गंभीर स्तर के लक्षण रिपोर्ट किए गए।

May 25, 2024 - 12:45
 0  810
कोविड-19 के कारण लगभग दो साल घट गई है लोगों की औसत आयु

नई दिल्ली (आरएनआई) वैश्विक स्तर पर जारी कोरोना महामारी को चार साल से अधिक का समय बीत गया है। इस दौरान कोरोना के वैरिएंट्स में कई बार म्यूटेशन हुआ और संक्रमितों में हल्के से लेकर गंभीर स्तर के लक्षण रिपोर्ट किए गए। कोरोना का खतरा अभी भी थमा नहीं है। हालिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वायरस में एक बार फिर से म्यूटेशन हुआ है, जिससे उत्पन्न नया सब-वैरिएंट कई देशों में संक्रमण बढ़ाता हुआ देखा जा रहा है। सिंगापुर की स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यहां पर दो सप्ताह में ही कोरोना के मामलों में 90 फीसदी से अधिक की वृद्धि रिपोर्ट की गई है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के विशेषज्ञों ने सभी लोगों को कोरोना से बचाव को लेकर लगातार सावधानी बरतते रहने की अपील की है। कोरोना के जोखिमों को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बड़ी जानकारी  भी साझा की है। रिपोर्ट में डब्ल्यूएचओ ने कहा कोविड-19 के कारण वैश्विक जीवन प्रत्याशा में लगभग दो साल की कमी आ गई है। जीवन प्रत्याशा या लाइफ एक्सपेक्टेंसी उन अतिरिक्त वर्षों की औसत संख्या का अनुमान है जो एक निश्चित आयु का व्यक्ति जीने की उम्मीद कर सकता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा, पिछले एक दशक में लाइफ एक्सपेक्टेंसी में बेहतर सुधार देखा जा रहा था। हालांकि कोविड-19 के कारण इसमें गिरावट आ गई है। संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कोविड-19 महामारी ने संपूर्ण स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित किया है, संक्रमण के कारण लोगों में कई प्रकार की बीमारियां भी विकसित होती देखी गई हैं। इन परिस्थितियों ने लाइफ एक्सपेक्टेंसी को बड़ा नुकसान पहुंचाया है।

कोविड-19 के कारण वैश्विक जीवन प्रत्याशा 1.8 वर्ष गिरकर अब 71.4 वर्ष रह गई है। साल 2012 में भी जीवन प्रत्याशा इसी के आसपास थी।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के शोधकर्ताओं ने बताया कि पिछली आधी सदी में किसी भी अन्य घटना की तुलना में कोविड-19 ने संपूर्ण स्वास्थ्य और जीवन प्रत्याशा पर सबसे गहरा प्रभाव डाला है। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेबियस ने कहा कि ये आंकड़े वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा को मजबूत करने और स्वास्थ्य के क्षेत्र में दीर्घकालिक निवेश को बढ़ावा देने के महत्व पर प्रकाश डालते हैं। 

स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट बताती है कोविड के शुरुआती दौर में ही साल 2020-2021 के दौरान 15.9 मिलियन (1.59 करोड़) से अधिक लोगों की मौत हुई।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा महामारी के दौरान कोविड-19 मृत्यु का प्रमुख कारण रहा है। 2020 में विश्व स्तर पर यह मृत्यु का तीसरा सबसे बड़ा कारण और 2021 में दूसरा प्रमुख कारण रहा। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट इस बात पर भी प्रकाश डालती है कि नॉन कम्युनिकेबल डिजीज (एनसीडी) जैसे कि इस्केमिक हृदय रोग और स्ट्रोक, कैंसर, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज, अल्जाइमर रोग-डिमेंशिया और मधुमेह के कारण भी बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई । 

डब्ल्यूएचओ विशेषज्ञों ने बताया, कोरोना ने सीधे तौर पर सेहत को गंभीर नुकसान तो पहुंचाया ही है साथ ही कोविड-19 के कारण उपजी परिस्थितियों ने दुनियाभर में कुपोषण के बोझ को भी बढ़ा दिया है। इसके अतिरिक्त साल 2022 में, पांच साल और उससे अधिक उम्र के एक अरब से अधिक लोग मोटापे के साथ जी रहे थे, जबकि आधे अरब से अधिक लोग कम वजन वाले थे।

बच्चों में कुपोषण भी गंभीर स्वास्थ्य समस्या के रूप में देखा जा रहा है। ये सभी स्थितियां संपूर्ण स्वास्थ्य को प्रभावित करने के साथ समय से पहले मृत्यु के जोखिमों को बढ़ाने वाली हो सकती हैं।

--------------
स्रोत और संदर्भ
COVID-19 eliminated a decade of progress in global level of life expectancy

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

RNI News Reportage News International (RNI) is India's growing news website which is an digital platform to news, ideas and content based article. Destination where you can catch latest happenings from all over the globe Enhancing the strength of journalism independent and unbiased.