कोलंबिया विश्वविद्यालय के खिलाफ जांच करेगा न्याय विभाग, अवैध विदेशी छात्रों को छिपाने का आरोप
यह कार्रवाई ऐसे समय की जा रही है, जब अमेरिका की ट्रंप सरकार ने बीते साल देश के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में फलस्तीन के समर्थन में विरोध प्रदर्शन करने वाले छात्रों को निर्वासित करना शुरू कर दिया है।

वॉशिंगटन (आरएनआई) अमेरिका के न्याय विभाग ने कोलंबिया विश्वविद्यालय के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। न्याय विभाग इस बात की जांच कर रहा है कि क्या कोलंबिया विश्वविद्यालय ने अवैध विदेशी छात्रों को अपने परिसर में छिपाया। यह कार्रवाई ऐसे समय की जा रही है, जब अमेरिका की ट्रंप सरकार ने बीते साल देश के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में फलस्तीन के समर्थन में विरोध प्रदर्शन करने वाले छात्रों को निर्वासित करना शुरू कर दिया है।
होमलैंड सिक्योरिटी विभाग के एजेंट्स ने गुरुवार शाम को दो विश्वविद्यालयों के परिसर में छापेमारी की। हालांकि इस दौरान कोई गिरफ्तारी नहीं की गई। अमेरिका के डिप्टी अटॉर्नी जनरल टॉड ब्लांक ने बताया कि यह पूरी कवायद राष्ट्रपति ट्रंप के देश में यहूदी विरोध को खत्म करने का हिस्सा है। बीती रात हमने कोलंबिया यूनिवर्सिटी में तलाशी अभियान चलाया ताकि अवैध विदेशी छात्रों को पकड़ा जा सके और विश्वविद्यालय परिसर में अवैध गतिविधियों को रोका जा सके। न्याय विभाग इस बात की भी जांच कर रहा है कि कोलंबिया यूनिवर्सिटी द्वारा नागरिक अधिकारों का उल्लंघन तो नहीं किया गया है। अभी ये स्पष्ट नहीं है कि अवैध गतिविधियों के लिए क्या सिर्फ अवैध छात्रों के खिलाफ ही कार्रवाई की जा रही है या फिर विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ भी कार्रवाई हो रही है।
अमेरिकी सरकार ने कोलंबिया विश्वविद्यालय को दी जाने वाली 4 करोड़ डॉलर की संघीय मदद को भी रोक दिया है। सरकार ने यह कार्रवाई विश्वविद्याल प्रशासन द्वारा इस्राइल और यहूदी विरोधी प्रदर्शनों के खिलाफ संतोषजनक कार्रवाई न कर पाने के चलते की है। इसके चलते विश्वविद्यालय प्रशासन इन दिनों भारी दबाव का सामना कर रहा है। राष्ट्रपति ट्रंप और अन्य अधिकारियों ने प्रदर्शनकारी छात्रों पर हमास समर्थक होने का आरोप लगाया है। हाल ही में अमेरिकी सरकार ने कोलंबिया विश्वविद्यालय में विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले छात्र मोहम्मद खलील को गिरफ्तार किया है। साथ ही एक भारतीय छात्रा रंजीनी श्रीनिवासन की वीजा मंजूरी भी खत्म कर दी गई है। रंजीनी पर आतंकवाद और हमास का समर्थन करने का आरोप लगा है। इसके बाद रंजीनी ने खुद ही अमेरिका से निर्वासित होने का फैसला किया और वह फिलहाल अमेरिका से निकल चुकी है।
Follow RNI News Channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6X
What's Your Reaction?






