कोर्ट के स्थगन आदेश की उड़ाई धज्जियां, राजस्व अमले ने सीमांकन किया फिर कॉलोनाइजर ने पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में जेसीबी से तुड़वा दी प्लॉट की बाउंड्री
गुना (आरएनआई) कोर्ट के स्टे ऑर्डर के बाद भी पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में एक प्लॉट पर की गई बाउंड्री जेसीबी से तुड़वा दी गई। इसके तोड़फोड़ के वीडियो भी सामने आए हैं जिसमें बाउंड्री तुड़वाने वाले शख्स के साथ पुलिसकर्मी भी दिखाई दे रहे हैं। कोर्ट ने प्रकरण में शासन सहित सभी पक्षकारों को निर्देशित किया था कि वह प्रकरण के अंतिम निराकरण तक अवैधानिक तरीके से आवेदक के वादग्रस्त भूखण्ड पर विकय पत्र के अनुसार उसके विधिक आधिपत्य में स्वयं अथवा किसी अन्य के माध्यम से हस्तक्षेप न करे।
यह है मामला
दरअसल शिवपुरम बिल्डर्स एण्ड डेवलपर्स के प्रोपराईटर नवनीत तिवारी से वर्ष 2023 में इमरान खान ने 3217 वर्गफुट प्लॉट खरीद कर उस पर बाउंड्री बनाई थी। तथा तहसील कार्यालय में विधिवत नामांतरण भी कराया था। प्लॉट पर अपना भवन बनाने के लिए उसने गुना नागरिक सहकारिता बैंक से 18 लाख रुपए का लोन भी लिया था। शिवपुरम बिल्डर्स ने इस प्लॉट के दक्षिण में स्थित 6434 वर्ग फुट प्लॉट का विक्रय अनुबंध रिंकू छारी से शिवपुरम बिल्डर्स से कर उसे कब्जा सौंप दिया था। इसके बाद कॉलोनाइजर मुकेश राठौर, महावीर जैन, त्रिलोक माधवानी आदि इन प्लॉट को अपना बताने लगे।
विवाद के हल के लिए इमरान खान द्वारा तृतीय व्यवहार न्यायाधीश की कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी।
पीड़ित वादी ने कोर्ट में इस केस में शिवपुरम बिल्डर्स एण्ड डेवलपर्स की वर्तमान प्रोपराईटर गायत्री तिवारी, रामवीर सिंह रघुवंशी, त्रिलोकचंद माघवानी, महावीर जैन पुत्र श्री राजमल जैन, मुकेश राठौर और सुमित गोयल और शासन की ओर से कलेक्टर प्रतिवादी को पार्टी बनाया था।
कोर्ट ने दिया था स्टे ऑर्डर
मामले में सुनवाई उपरांत 03 दिसंबर 2024 को तृतीय व्यवहार न्यायाधीश श्री सुरेश बारगिया की कोर्ट ने विक्रय पत्र में वर्णित भूखंड पर सुनवाई उपरांत प्रकरण का अंतिम निराकरण अथवा आगामी आदेश तक के लिए स्टे ऑर्डर दिया था। तथा पार्टी बनाए गए सभी व्यक्तियों और शासन को निर्देशित किया था कि वह प्रकरण के अंतिम निराकरण तक अवैधानिक तरीके से वादी/आवेदक को वादग्रस्त भूखण्ड पर विकय पत्र के अनुसार उसके विधिक आधिपत्य में स्वयं अथवा किसी अन्य के माध्यम से हस्तक्षेप न करे। इस ऑर्डर की जानकारी सभी पक्षकारों को थी।
सीमांकन की आड़ में जेसीबी से तोड़ दी बाउंड्री
अभिभाषक कुलदीप गुर्जर ने बताया कि प्रकरण में पार्टी रहे मुकेश राठौर आदि ने तहसीलदार के समक्ष सर्वे नंबर 8/3, 9/2, 10/3 की भूमि का सीमांकन किए जाने का आवेदन किया। तहसीलदार ने पत्र जारी कर आरआई के नेतृत्व में टीम गठित की और एक पत्र केंट थाना पुलिस को पुलिस बल उपलब्ध कराने के लिए लिखा। आज सुबह मौके पर राजस्व अमला पहुंचा और वापस आ गया। जबकि पुलिस के तीन जवान मौके पर ही रुक गए। इस बीच प्रकरण के प्रतिवादी मुकेश राठौर ने जेसीबी के जरिए वादग्रस्त भूमि की बाउंड्रीवाल अवैध तरीके से तुड़वा दी। इस तोड़फोड़ के वीडियो भी सामने आए हैं जिसमें मुकेश राठौर कहते दिख रहे हैं कि नपती हो गई तहसीलदार, पटवारी सब आए थे अभी। इसके बाद जेसीबी से बाउंड्री तुड़वा दी गई।
इस दौरान मौके पर मौजूद प्लॉट मालिक तथा प्रभावित अन्य लोगों के रिश्तेदारों ने कोर्ट का स्टे होने की बात भी कही लेकिन वहां मौजूद आरक्षक अर्जुन यादव दुर्व्यवहार पर उतर आया। जब अभिभाषक कुलदीप गुर्जर ने राजस्व अधिकारियों को स्टे के बाद भी तोड़फोड़ किए जाने को अवैधानिक बताया तो अधिकारी ऐसी किसी भी कार्यवाही से अनजान बन गए और उधर जेसीबी से तोड़फोड़ की गति बढ़ा दी गई।
"ये कोर्ट के स्टे ऑर्डर का सीधा उल्लंघन है। सीमांकन की सूचना पक्षकार को नहीं दी गई। उसकी भूमि में अवैधानिक हस्तक्षेप किया गया। जिन लोगों ने जेसीबी से तोड़फोड़ कराई है, और जिन्होंने इस अवैध तोड़फोड़ की सूचना के बाद भी वैधानिक कार्यवाही नहीं की उनके विरुद्ध कंटेंप्ट ऑफ कोर्ट की कार्यवाही की जाएगी।
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