कोर्ट की कार्यवाही को विलम्बित करने हथकंडे अपना रहा प्रशासन
मामला सर्वे नम्वर 722 से आवागमन में बाधक अतिक्रमण को हटाने का
गुना। लोकउपयोगी अदालत के जनहित में फैशला के वाद आदेश के परिपालन न किए जाने के उपरांत cjm न्यायालय में एक्जिक्युसन के पेस प्रकरण में परिपालन में लापरवाही बरतने को लेकर सिविल जेल कलेक्टर ओर अन्य को भेजे जाने के पेस आवेदन में असत्य परिपालन रिपोर्ट पेश की गई कि अतिक्रमण हटाया गया है। Cjm कोर्ट में इसको लेकर दस्तावेज भी पेस किए गए।
वही लोकउपयोगी अदालत के फैसले के वाद असत्य जानकारियों को लेकर रिव्यूपिटिसन पेस की गई है कि एक पक पछिय निर्णय से प्रतिवादी का अहित हो सकता है। यह रिव्यू पिटीशन जेल कार्यवाही से बचने को लेकर cmo नगरपालिका के द्वारा पेश की है,जिनको उक्त केस लगाने का अधिकार ही नही है। लोकउपयोगी सेवा की अदालत में उक्त रिव्यू पिटीशन को प्रस्तुत करने का अधिकार ही नही है। ये अंतिम फैशला ही है। प्रतिवादी जिला प्रशासन के अधिकारियों ने रिव्यूपिटिसन पेस करने का आवेदन भी cjm कोर्ट में कार्यवाही को विलम्बित करने लगाया है जबकि विद्वान अधिवक्ता जानते है कि यह रिव्यू पिटीशन नही लग सकती है। इसकी अब पेसी सोमवार को नियत है।
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