कोयला वसूली घोटाले में पूर्व सीएम की उप-सचिव रहीं सौम्या की अंतरिम जमानत बढ़ी
नई दिल्ली (आरएनआई) सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उप सचिव सौम्या चौरसिया की अंतरिम जमानत बढ़ा दी। सौम्या चौरसिया कथित कोयला वसूली घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 25 सितंबर को इस मामले में सौम्या चौरसिया को अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि वह एक साल और नौ महीने से अधिक समय तक हिरासत में रह चुकी हैं और अभी तक उन पर आरोप भी तय नहीं हुए हैं।
गुरुवार को सौम्या चौरसिया की अंतरिम जमानत मामले पर कोर्ट ने फिर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान पीठ ने मामले की मौजूदा स्थिति के बारे में पूछा तो सौम्या चौरसिया के वकील सिद्धार्थ दवे ने कहा कि अभी तक मुकदमा शुरू भी नहीं हुआ है, जिसके बाद न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने अंतरिम जमानत अवधि बढ़ाने का आदेश दिया। अब सुप्रीम कोर्ट जनवरी के अंतिम सप्ताह में इस मामले पर फिर सुनवाई करेगा।
छत्तीसगढ़ कैडर की सिविल सेवक चौरसिया पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यालय में उप सचिव और विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) थीं। बघेल सरकार में सौम्या चौरसिया काफी ताकतवर अधिकारी थीं और सचिवालय में उनका अच्छा खासा दबदबा था। ईडी की जांच में खुलासा हुआ था कि वरिष्ठ नौकरशाहों, व्यापारियों, राजनेताओं और बिचौलियों से जुड़े एक कार्टेल द्वारा छत्तीसगढ़ में परिवहन किए गए प्रत्येक टन कोयले पर 25 रुपये की अवैध वसूली की जा रही थी। यह घोटाला कुल 540 करोड़ रुपये की जबरन वसूली का बताया जा रहा है। इस मामले में आयकर विभाग ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज कराया था। इसी मामले में सौम्या चौरसिया को आरोपी बनाया गया है।
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