कोयला खदान में अब भी फंसे पांच श्रमिक, सात दिन से चल रहा बचाव अभियान
दीमा हसाओ जिले के उमरंगसो के तीन किलो क्षेत्र में कोयला खदान में सोमवार को 300 फीट गहरी खदान में अचानक पानी भर गया था। इस खदान में नौ श्रमिक फंस गए थे। यहां से अब तक चार मजदूरों के शव निकाले जा चुके हैं। अन्य श्रमिकों को बचाने के लिए अभियान चल रहा है।
गुवाहाटी (आरएनआई) असम के पास दीमा हसाओ जिले में कोयला खदान में फंसे श्रमिकों को बचाने की कवायद तेज कर दी गई है। खदान में अब भी पांच श्रमिक फंसे हुए हैं। सात दिन से चल रहे बचाव अभियान के तहत अब तक चार श्रमिकों के शव निकाले जा चुके हैं। राज्य और केंद्र की कई एजेंसियों ने रविवार को सातवें दिन भी बचाव अभियान जारी रखा। अभियान में कोल इंडिया की 12 सदस्यीय विशेष टीम जुटी हुई है।
दीमा हसाओ जिले के उमरंगसो के तीन किलो क्षेत्र में कोयला खदान में सोमवार को 300 फीट गहरी खदान में अचानक पानी भर गया था। इस खदान में नौ श्रमिक फंस गए थे। इसके बाद भारतीय सेना और स्थानीय अधिकारियों की संयुक्त टीम ने त्वरित और प्रभावी तरीके से बचाव अभियान की शुरुआत की थी। इसके बाद से लगातार सेना, असम राइफल्स, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, नौसेना और पुलिस की टीम श्रमिकों को तलाश रही है। बुधवार को खदान में 85 फुट नीचे से एक श्रमिक का शव बरामद किया था। जिसकी पहचान नेपाल के उदयपुर जिले के गंगा बहादुर श्रेष्ठो के रूप में हुई। इसके बाद शनिवार को तीन और मजदूरों के शव निकाले गए। इनकी पहचान 27 वर्षीय लिजेन मगर, 57 वर्षीय खुशी मोहन राय, 37 वर्षीय शरत गोयरी के तौर पर की गई। अभी भी पांच श्रमिक खदान में फंसे हैं।
एनडीआरएफ के इंस्पेक्टर रोशन कुमार नाथ ने कहा कि बचाव अभियान शुरू होने के बाद से अब तक चार शव बरामद किए गए हैं। पानी निकालने की प्रक्रिया जारी है और पानी का स्तर घट रहा है। कोल इंडिया के पंप यहां लगाए गए हैं। पानी निकालने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद हम फंसे हुए बाकी लोगों को बचाने की कोशिश करेंगे।
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर असम में हुई खनन त्रासदी की एसआईटी जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि बहुत दुख के साथ सूचित कर रहा हूं कि असम के दीमा हसाओ में खदान में नौ श्रमिक फंस गए हैं। कांग्रेस सांसद ने आरोप लगाया कि पूर्वोत्तर राज्य में 'कमजोर कानून व्यवस्था और स्थानीय मिलीभगत' के कारण अवैध खनन अनियंत्रित रूप से जारी है। इस त्रासदी के लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। इसके अलावा, सुरक्षा, भ्रष्टाचार और पर्यावरण को होने वाले नुकसान के व्यापक मुद्दों पर भी ध्यान देने की जरूरत है। गोगोई ने कहा कि पीड़ितों के परिवार न्याय के हकदार हैं और हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जाए।
मामले में असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने बताया कि पुलिस ने घटना की जांच के लिए खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 1957 की धारा 21(1) के साथ धारा 3(5)/105 बीएनएस के तहत एफआईआर दर्ज की है। यह एक अवैध खदान लगती है। मामले के संबंध में पुनीश नुनिसा नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है।
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