कॉलेज में हिजाब पर प्रतिबंध के खिलाफ सुप्रीम में सुनवाई, हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर हुईं हैं याचिकाएं
याचिकाकर्ताओं जैनब अब्दुल कय्यूम सहित अन्य याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकील अबीहा जैदी ने तत्काल सुनवाई करने की जरूरत है क्योंकि कॉलेज में यूनिट टेस्ट बुधवार से शुरू होने की संभावना है।
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नई दिल्ली (आरएनआई) सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाओं को सूचीबद्ध करने का आदेश दिया है। कॉलेज में हिजाब, बुर्का पर प्रतिबंध को बरकरार रखने वाले बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की गई हैं। गौरतलब है कि बीती 26 जून को बॉम्बे हाईकोर्ट ने चेंबूर ट्रॉम्बे एजुकेशन सोसाइटी के एनजी आचार्य और डीके मराठे कॉलेज के कॉलेज परिसर में हिजाब-बुर्के पर प्रतिबंध लगाने के फैसले का समर्थन किया था। हाईकोर्ट ने कहा था कि हिजाब-बुर्के पर प्रतिबंध लगाना छात्रों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं है।
हाईकोर्ट ने कहा कि स्कूल-कॉलेज में ड्रेस कोड अनुशासन बनाए रखने के लिए है, जो शैक्षणिक संस्थान की स्थापना और प्रशासन करने के कॉलेज के मौलिक अधिकार का हिस्सा है। बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की और सुप्रीम कोर्ट से याचिकाओं पर तत्काल सुनवाई की अपील की। दलीलों पर ध्यान देते हुए मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि उसने पहले ही मामले के लिए एक पीठ नियुक्त कर दी है और इसे जल्द ही सूचीबद्ध किया जाएगा।
याचिकाकर्ताओं जैनब अब्दुल कय्यूम सहित अन्य याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकील अबीहा जैदी ने तत्काल सुनवाई करने की जरूरत है क्योंकि कॉलेज में यूनिट टेस्ट बुधवार से शुरू होने की संभावना है। शीर्ष अदालत ने अभी तक शैक्षणिक संस्थानों द्वारा जारी किए गए ऐसे आदेशों की वैधता पर निर्णायक रूप से निर्णय नहीं लिया है। सुप्रीम कोर्ट की दो न्यायाधीशों की पीठ ने 13 अक्टूबर, 2022 को कर्नाटक से उत्पन्न हिजाब विवाद में विपरीत निर्णय सुनाए थे। गौरतलब है कि तत्कालीन भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने वहां के स्कूलों में हिजाब पर प्रतिबंध लगा दिया था।
न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता, जो अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं, ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के उस फैसले को चुनौती देने वाली अपीलों को खारिज कर दिया था और प्रतिबंध हटाने से इनकार कर दिया था, जबकि न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया ने कहा था कि राज्य के स्कूलों और कॉलेजों में कहीं भी हिजाब पहनने पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। वर्तमान विवाद मुंबई के एक कॉलेज के फैसले से उपजा है। बॉम्बे उच्च न्यायालय ने प्रतिबंध के खिलाफ याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि ड्रेस कोड सभी छात्रों पर लागू होता है, चाहे वे किसी भी धर्म या जाति के हों।
विज्ञान डिग्री कोर्स के दूसरे और तीसरे वर्ष में पढ़ने वाले छात्रों ने कॉलेज द्वारा जारी किए गए उस निर्देश को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया था, जिसमें ड्रेस कोड लागू किया गया था, जिसके तहत छात्र परिसर में हिजाब, नकाब, बुर्का, स्टोल, टोपी और बैज नहीं पहन सकते। छात्रों ने दावा किया था कि यह उनके धर्म का पालन करने के मौलिक अधिकार, निजता के अधिकार और पसंद के अधिकार के खिलाफ है। कॉलेज की कार्रवाई 'मनमाना, अनुचित, कानून के विरुद्ध और विकृत' थी।
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