बंगाईगांव: कैबिनेट मंत्रियों ने व्यापारियों के मुद्दों पर व्यापारिक समुदाय, ट्रेडर्स के साथ बैठक किया
कैबिनेट मंत्रियों द्वारा जीएसटी मामलों पर बोंगाईगांव के व्यापार और व्यवसाय संघ के साथ बातचीत। फाइनेंस मंत्री श्रीमती अजंता नियोग और कैबिनेट मंत्री श्री अशोक सिंघल रहे मौजूद।
बंगाईगांव (आरएनआई) असम के बगाईगांव जिले में प्रदेश के दो कैबिनेट मंत्री जिनमे प्रदेश के फाइनेंस मंत्री अजंता नियोग और श्री अशोक सिंघल के साथ जीएसटी कमिश्नर आईएएस पल्लब गोपाल झा आदि मौजूद थे।यह बैठक शहर के पुलिस कन्वेंशन सेंटर में रखा गया जिसमें बोंगाईगांव के अलावा निचले असम से भी ट्रेडर्स ने शिरकत किया।वही इस बैठक का मूल उदस्य "जीएसटी" में होते व्यापारी वर्ग को उचित दिक्कतों का हल निकालना और उन दिक्कतों और मुद्दों को जीएसटी कौंसिल और केंद्र तक पहचाना और फिर उन दिक्कतों को निवारण करना।मौजूद दोनों मंत्री ने ज्यादातर ट्रेडर्स की बात सुनी जहाँ व्यापारी वर्ग को जीएसटी में हो रही दिक्कत को मंत्री के सामने रखा।
वही फाइनेंस मिनिस्टर अजंता नियोग कहती दिखी की " असल मे मुख्यमंत्री जी ने दो जनों की कैबिनेट कमिटी का गठन किया है जहा राज्य में जीएसटी के 7 साल होने जा रहे हैं और राज्य में जो जीएसटी से जुड़े व्यापारी वर्ग है, उनकी दिक्कतों को समझने के लिए यह कैबिनेट कमिटी बनी है और उसी तहत आज बोंगाईगांव जिले में आया गया है और सभी ट्रेडर्स संस्था से मुलाकात कर उनकी समस्य और उसकी समाधान हेतु जीएसटी कौंसिल को असम में हो रही दिक्कतों को अवगत कराना यह मूल उदस्य हैं"।
वही कैबिनेट मंत्री श्री अशोक सिंघल कहते दिखे की "शिकायत मिल रही थी जहा बहुत प्रकार के नोटिस व्यापारी को मिल रहे हैं,उक्त नोटिस से व्यापारी जगत खुश नही है,इस पर विचार होना चाहिए,वही बीच मे चुनाव आ गया और चुनाव के खत्म होने पर मुख्यमंत्री ने एक कमिटी बनाई जिसमे फाइनेंस मिनिस्टर और मुझे जिम्मेदारी दी गयी जहा सभी व्यापारी,ट्रेडर्स से एक मुलाकात का दौर रखकर उनसे जाने की उनकी असल दिक्कत क्या हो रही है और उन असल मुद्दों को उनके बने कमटी में विचार कर कैबिनेट में रखा जाए और फिर कैबिनेट उस पर विचार करे यह मुख्यमंत्री की मानशिकता हैं जहाँ उनको भी व्यापारी की चिंता है"।
वही गुवाहाटी से आये सीए विकास अग्रवाल कहते दिखे की "व्यापारी को एक बात समझना होगा कि जीएसटी लॉ और जीएसटी कौंसिल तय करता है जिसमे राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों की सहमति चाहिए और ज्यादातर मामले राज्य सरकार के कंट्रोल में नही आता वही राज्य सरकार की यह कमिटी बनाने के पीछे की यही मानशिकता हैं कि जो भी असल व्यापार जगत की दिक्कतों को जीएसटी कौंसिल तक ठोस तरीके से पहचाना और राज्य अधीन मामले में तुरंत करवाई कर उनका निवारण करना।वही उन्होंने यह भी कहा कि व्यापारी को जाली इनवॉइस व बिल के मामले में जागरूक होने की सलाह दी।
वही बोंगाईगांव चैम्बर ऑफ कॉमर्स से भवरलाल पवार ने अपने संबोधन में कहा कि "पहले आफिस में इंस्पेक्टर राज था और व्यापारी उससे त्रस्त थे,वही अब हालात वैसी ही है सिर्फ माध्यम बदल गया है और अब क्लर्क राज आ गया है जहां जीएसटी नोटिस जिससे व्यापारी को हार्ट अटैक आ जाये वो आ रहे हैं वही आफिस में क्लर्क समझौता करता दिखता है"।भवरलाल पवार के दो कैबिनेट मंत्री के सामने व्यापारी और ट्रेडर्स के सामने यह संबोधन से तालिया बजती दिखी।
वही ग्रेटर बोंगाईगांव चैम्बर ऑफ कॉमर्स से मुकुल जैन,मेडिकल एसोसिएशन से महेश गोयल,डिस्ट्रीब्यूशन एसोसिएशन से नयन मेहता,सीए राजकुमार अग्रवाल आदि व्यापारी और ट्रेडर्स ने मौजूद दोनों मंत्री के सामने असल दिक्कतों से रूबरू कराया वही मौजूद जीएसटी अफसर भी सभी अहम पहलू पर नोट करते देखे गए।वही सभी ट्रेडर्स और व्यापारी सरकार खासकर मुख्यमंत्री की इस पहल से खुश दिखे की उन्हें आखिरकार एक सरकारी मच तो मिला जहाँ कई दिनों से पीड़ित परेशानी को आखिकार बता पाए।
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