केरल को राशि जारी करने के मामले में उदारता दिखाए केंद्र सरकार, सुप्रीम कोर्ट ने दिया सुझाव
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा है कि वे थोड़े उदार हो सकते हैं, एक विशेष मामले के रूप में केरल को एकमुश्त पैकेज दे सकते हैं और भविष्य के बजट में अधिक कठोर शर्तें लागू कर सकते हैं। दूसरी ओर, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने देश में करदाताओं की संख्या बढ़ाने का आह्वान किया है।
नई दिल्ली (आरएनआई) सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र को उदार होने और अन्य राज्यों की तुलना में केरल को रियायत देते हुए एक विशेष मामले में एकमुश्त पैकेज देने का सुझाव दिया। न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने वित्तीय मामलों को लेकर केन्द्र के खिलाफ केरल की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह सुझाव दिया। अदालत ने केंद्र से कहा है कि वे थोड़े उदार हो सकते हैं, एक विशेष मामले के रूप में एकमुश्त पैकेज दे सकते हैं और भविष्य के बजट में अधिक कठोर शर्तें लागू कर सकते हैं।
अदालत ने अन्य राज्यों की तुलना में कठोर शर्तों के साथ केरल को 31 मार्च तक पैकेज देने का भी सुझाव दिया। अदालत ने टिप्पणी की वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष केरल के मुकदमे का उल्लेख किया और अदालत को अवगत कराया कि केंद्र 19000 करोड़ रुपये जारी नहीं कर रहा है। अदालत ने केंद्र और केरल को इस पर काम करने की कोशिश करने का सुझाव दिया। कोर्ट ने कहा कि वह इस मामले की सुनवाई कल करेगी।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को देश में करदाताओं की संख्या बढ़ाने का आह्वान किया। हालांकि, उन्होंने आगाह किया कि इसे परामर्श के जरिए हासिल किया जाना चाहिए न कि आक्रामक कदमों से। उन्होंने यह भी कहा कि नागरिक केंद्रित पहलों ने कर प्रशासन में लोगों का विश्वास बढ़ाया है। भारतीय राजस्व सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों के एक बैच को संबोधित करते हुए धनखड़ ने कहा कि पिछले एक दशक में प्रत्यक्ष कर संग्रह में तीन गुना वृद्धि हुई है और आयकर रिटर्न दाखिल करने वाले लोगों की संख्या में लगभग ढाई गुना वृद्धि हुई है। उन्होंने रेखांकित किया कि करदाताओं के साथ कर प्रशासक का संबंध अब एकजुटता और आम सहमति का है।
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