केजरीवाल की गिरफ्तारी चुनावी बॉन्ड से ध्यान भटकाने का हथकंडा : मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन
विजयन ने कहा कि चुनावी बॉन्ड का विचार जब सामने आया तो हमने विरोध किया क्योंकि यह भ्रष्टाचार का एक माध्यम है। उन्होंने सवाल पूछा कि भाजपा को इस तरह के घोर भ्रष्टाचार में शामिल होने की हिम्मत कैसे मिली?
कोच्चि (आरएनआई) केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि चुनावी बॉन्ड घोटाला भारत में अब तक का सबसे भ्रष्टाचार है। इससे ध्यान भटकाने के लिए ही केंद्र सरकार ने केजरीवाल को गिरफ्तार करवा लिया। सीएए के खिलाफ सीपीआईएम द्वारा आयोजित तीसरी रैली को संबोधित किया। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा देश में कानून के शासन को बिलकुल महत्व नहीं देते हैं। संघ परिवार संवैधानिक संस्थाओं पर कब्जे ने की कोशिश कर रहा है।
विजयन ने कहा कि चुनावी बॉन्ड का विचार जब सामने आया तो हमने विरोध किया क्योंकि यह भ्रष्टाचार का एक माध्यम है। उन्होंने सवाल पूछा कि भाजपा को इस तरह के घोर भ्रष्टाचार में शामिल होने की हिम्मत कैसे मिली? उन्होंने भाजपा सोचा कि उनसे कभी पूछताछ नहीं की जाएगी। विजयन ने कहा कि केजरीवाल की गिरफ्तारी से संघ परिवार यह संदेश देना चाह रहा था कि वे देश के कानून से ऊपर हैं और अपने एजेंडे को लागू करने के लिए कुछ भी करेंगे।
विजयन ने अनुराग ठाकुर के कुछ बयानों का जिक्र करते हुए कहा कि उनके विवादित टिप्पणियों के कारण केरल में ही उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। उन्होंने कांग्रेस पर भी हमला किया। उन्होंने कहा कि जब पूरा देश सीएए का विरोध कर रहा था तो कांग्रेस अध्यक्ष भोज में भाग ले रहे थे। विरोध के दौरान एक भी कांग्रेस नेता नहीं था। राहुल खुद विदेश में थे। वामपंथी नेताओं को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया।
सीएए को लेकर विजयन ने कुछ दिन पहले कहा था कि यह कानून पूरी तरह से असंवैधानिक है। यह पूरी तरह से मानवाधिकारों के खिलाफ और भारत के विचार के लिए चुनौती है। कांग्रेस पर भी तीखा हमला करते हुए विजयन ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी और उनकी पार्टी इस मामले पर पूरी तरह से चुप है। पत्रकारों से बातचीत करते हुए सीएम पिनाराई विजयन ने कहा कि सीएए धार्मिक भेदभाव को कानूनी वैधता दे रहा है, लेकिन कांग्रेस सीएए के खिलाफ संयुक्त मोर्चे से पीछे हट रही है। इसके अलावा, सीएम ने कहा कि कांग्रेस और उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सीएए नियमों की हालिया अधिसूचना पर अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है।
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