केंद्रीय योजनाओं के भुगतान मामले में नहीं दिया उचित जवाब तो फिर करेंगे आंदोलन
तीन और चार अक्तूबर को तृणमूल कांग्रेस ने अपनी मांग को लेकर दिल्ली के जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया था। इसमें लगभग चार हजार मनरेगा कार्डधारकों ने भाग लिया था।
कोलकाता, (आरएनआई) तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के वरिष्ठ नेता अभिषेक बनर्जी ने केंद्र सरकार को एक बार फिर चेतावनी दी है कि अगर राज्य सरकार को इस महीने के अंत तक उचित जवाब नहीं मिलता है तो वह अपना विरोध प्रदर्शन फिर से शुरू करेंगे। बता दें, टीएमसी पश्चिम बंगाल को मनरेगा सहित विभिन्न केंद्रीय योजनाओं के बकाए का कथित रूप से भुगतान नहीं किए जाने को लेकर विरोध कर रही है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक ने शुक्रवार को कहा कि दो साल इंतजार करते हुए बीत गए। थोड़े दिन और इंतजार कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर 31 अक्तूबर तक जवाब नहीं मिला तो टीएमसी एक नवंबर से अपना विरोध प्रदर्शन शुरू करेगा। इस बार आंदोलन का नेतृत्व ममता बनर्जी करेंगी।
तीन और चार अक्तूबर को तृणमूल कांग्रेस ने केंद्र सरकार के सामने अपनी मांग रखने के लिए दिल्ली के जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया था। विरोध प्रदर्शन में लगभग चार हजार मनरेगा कार्डधारकों ने भाग लिया था। इन लोगों को पश्चिम बंगाल से बसों में दिल्ली लाया गया था।
पार्टी ने मनरेगा बकाए को लेकर केंद्र के खिलाफ कोलकाता में राजभवन तक मार्च भी निकाला। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने तृणमूल कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि वह इस मुद्दे को उठाएंगे, जिसके बाद प्रदर्शन समाप्त हुआ।
हम पांच दिनों तक सड़क पर रहे। नौ अक्तूबर को राज्यपाल को हमसे मिलने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने हमें आश्वासन दिया कि 24 घंटे के भीतर वह मांग पर केंद्र सरकार से बात करेंगे। राज्यपाल दिल्ली गए और उन्होंने मुझे एक ईमेल में जानकारी दी कि उन्होंने इस मामले पर केंद्र के साथ चर्चा की।
भले ही कानून कहता है कि केंद्र सरकार को श्रमिकों की मजदूरी का भुगतान करना है, लेकिन हमारी सरकार किसी को भी भूखा नहीं रहने देगी। अगर ममता बनर्जी सरकार लक्ष्मी भंडार के 2.12 करोड़ लाभार्थियों के लिए 37 हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था कर सकती है, तो राज्य सरकार हमारे लोगों की मजदूरी की व्यवस्था कर सकती है। तृणमूल कांग्रेस लोगों और मनरेगा श्रमिकों के अधिकारों के लिए लड़ रही है। हमें इस लड़ाई में लोगों से केवल उनका आशीर्वाद और समर्थन चाहिए।
केंद्र सरकार ने कहा था कि केंद्रीय निर्देशों का पालन नहीं करने के कारण पश्चिम बंगाल के लिए मनरेगा फंड जारी नहीं किया गया था। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने एक बयान में कहा था, ‘केंद्र सरकार के निर्देशों का पालन नहीं करने के कारण महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम 2005 की धारा 27 के प्रावधान के अनुसार नौ मार्च, 2022 से पश्चिम बंगाल राज्य की निधि रोक दी गई है।
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