गुना (आरएनआई) अपर सचिव, भारत सरकार गृह मंत्रालय एवं केंद्रीय प्रभारी नीति आयोग आशीष श्रीवास्तव द्वारा आज गुना जिले के संकेतकों एवं प्लान ऑफ एक्शन के संबंध में जिला अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक का आयोजन जिला कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में किया गया। बैठक में कलेक्टर डॉ. सतेन्द्र सिंह, अपर कलेक्टर अखिलेश जैन सहित संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।
नीति आयोग से संबंधित गुना आकांक्षी जिला एवं बमोरी विकास खण्ड क्षेत्र से संबंधित जिले के संकेतक स्वास्थ्य एवं पोषण, शिक्षा, कृषि, वित्तीय साक्षरता एवं कौशल विकास तथा बुनियादी अधोसंरचना आदि के संबंध में माह जुलाई की स्थिति में विस्तृत समीक्षा की गई और आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये।
स्वास्थ्य एवं पोषण से संबंधित संकेतक के संबंध में समीक्षा के दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देशित किया गया कि जिले में जनसंख्या के मान से जो पात्र महिलाएं एवं बालक हैं उन्हें शत-प्रतिशत कुपोषण से मुक्त करने के लिए कव्हरेज किया जाये। इसी प्रकार अब शासन द्वारा जन्म का पंजीयन अनिवार्य कर दिया गया है, इस संबंध में जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र प्रक्रिया की जानकारी प्राप्त की और निर्देशित किया गया कि नई अवधारणा के तहत जीवन चक्र पर आधारित सभी आईडी पर कार्य करने की जरूरत है, इसको दृष्टिगत रखते हुए संस्थागत प्रसव के दौरान बच्चे के जन्म के समय ही जन्म प्रमाण पत्र में आईडी अंकित की जावे। इसी प्रकार सामान्य प्रसव के समय कितने पंजीयन किये गये हैं, इसकी विस्तृत जानकारी 15 अक्टूबर तक रिपोर्ट प्रस्तुत करें। इसी प्रकार सभी का अनिवार्य रूप से टीकाकरण हो। विवाह का पंजीयन भी अनिवार्य रूप से किया जावे। जिले के अस्पतालों एवं सीएचसी स्तर पर जनऔषधी केंद्र खोलने के निर्देश दिये गये। जिससे लोगों को सस्ती दवाईयां और महिलाओं को सेनेटरी नैपकिन आसानी से उपलब्ध हो सकें। अब को-ऑपरेटिव सोसायटियों में जनऔषधी केंद्र खोलने की व्यवस्था की जावे।
ग्राम पंचायतों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए तैयार किया जावे प्लान - श्री श्रीवास्तव
शिक्षा से संबंधित संकेतकों की समीक्षा के दौरान प्रभारी सचिव द्वारा निर्देशित किया गया कि स्कूलों में स्वास्थ्य जागरूकता के कार्यक्रम आयोजित किये जावें। उच्च शिक्षा की तुलना में प्राथमिक स्तर पर ड्राप आउट बच्चों की संख्या ज्यादा रहती है, इसे रोकने के लिये प्रयास किये जाएं। जिले के आकांक्षी ब्लॉक बमोरी में अपेक्षाकृत पिछड़ापन ज्यादा है, इसे दृष्टिगत रखते हुए नीति आयोग द्वारा निर्धारित संकेतकों को ध्यान में रखकर कार्य किया जावे। इस दौरान कलेक्टर द्वारा अवगत कराया गया कि शिक्षा विभाग के अधोसंरचना विकास के लिए बहुत से कार्य किये गये हैं, जिसके तहत विगत लोकसभा चुनाव के दौरान मतदान केंद्रों के स्कूलों में रंगाई, पुताई, स्कूलों में सीसी रोड, बाउंड्रीवॉल एवं शौचालय तथा किचिन शेड, बिजली के कनेक्शन एवं पंखे लगवाये गये हैं, जिसकी प्रगति पीपीटी के माध्यम से बतायी गई। इसी प्रकार जिले के पंचायत भवनों में बैठक व्यवस्था एवं पहुचं मार्गो पर सूचना फलक लगाने की व्यवस्था की गई है। प्रभारी सचिव द्वारा जिले में इस कार्य की प्रशंसा की गई। इस दौरान ग्राम पंचायतों में टैक्सेशन (कर लगाने) का प्रावधान है। पंचायतों की आय बढ़ाने एवं उन्हें मजबूत करने के लिए प्लान तैयार किया जावे। इसी प्रकार ग्राम पंचायतों में योजनाओं की ऑनलाईन सर्विस को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक पंचायत स्तर पर सीएससी केंद्र स्थापित किये जावें और पंचायतों द्वारा नल जल योजनाओं के संधारण की जिम्मेदारियां तय की जावे। जिससे पंचायतें सशक्त हो सकें।
डिजिटल फाइनेंस साक्षरता के लिए लोगों को किया जाये जागरूक
वित्तीय साक्षरता एवं कौशल विकास से संबंधित संकेतक की चर्चा के दौरान एलडीएम को निर्देशित किया गया कि डिजिटल फाइनेंस साक्षरता के लिए लोगों को जागरूक किया जाये। आजकल अधिकांश लोगों द्वारा मोबाइल एप/यूपीआई के माध्मय से लेन-देन किया जा रहा है, इसी प्रकार शासन की अधिकांश योजनाओं के हितग्राहियों के हितलाभ डीबीटी के माध्यम से ऑनलाइन किये जा रहे हैं, इसको दृष्टिगत रखते हुए आकांक्षी जिले, ब्लॉक के लोगों को जागरूक किया जावे। डिजिटल फाइनेंस साक्षरता को बढ़ाने के लिए भारत नेट परियोजना/ इंटरनेट और 4-जी कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास किये जावें। स्कूल के छात्रों को यूपीआई पेमेंट के उपयोग के संबंध में जागरूक किया जावे। महिला एवं युवाओं को कौशल आधारित शिक्षा के लिए प्रेरित किये जावे।
कृषि क्षेत्र के संकेतक के चर्चा के दौरान कृषि विभाग के अधिकारी को निर्देशित किया गया कि किसानों की आय दुगुनी करने के लिए जिले की मुख्य फसलों गेहूं, मक्का आदि की उत्पादकता बढ़ाने हेतु कृषकों को आधुनिक तकनीक की जानकारी दी जावे और मिट्टी परीक्षण के लिये जिले में लैब की संख्या बढ़ायी जावे और किसानों को इस संबंध में जागरूक किया जावे।
जिले की बुनियादी अधोसंरचना विकास के लिए समीक्षा के दौरान निर्देशित किया गया कि सरकारी की महत्वपूर्णं योजना हर घर जल के सफल क्रियान्वयन के लिए आकांक्षी ब्लॉक में पेयजल प्रदाय करने वाले ऐसे स्त्रोत जो गर्मी में सूख जाते हैं, उन्हें रिचार्ज करने का प्लान तैयार किया जावे। जल संवर्द्धन एवं संरक्षण कार्य को स्थिर रूप से कायम रखने के लिए जल प्रबंधन की कार्य योजना तैयार कर इस क्षेत्र में विशेष प्रयास किये जावे। इसी प्रकार परकूलेशन टेंक रिचार्ज की व्यवस्था करायी जावे। प्रधानमंत्री आवास द्वारा निर्मित किये गये आवासों की आकर्षक तरीके से रंगाई-पुताई का कार्य किया जाना सुनिश्चित करें। बैठक के दौरान ऊर्जा विभाग के अधिकारी को निर्देशित किया गया कि बिजली चोरी रोकने तथा खपत को मेंटीनेंस करने की दृष्टि से इलेक्ट्रॉनिक मीटर के स्थान पर स्मार्ट मीटर लगाने के लिये लोगों को प्रेरित किया जावे। यह कार्य पहले शहरी क्षेत्र से प्रारंभ किया जाना सुनिश्चित करें। पीएम जनमन योजना अंतर्गत शेष रहे सभी पात्र हितग्राहियों का शत-प्रतिशत सैचुरेशन किया जावे। आयुष्मान कार्ड एवं जाति प्रमाण पत्र से संबंधित कार्य शीघ्र पूर्णं किया जावे।
नीति आयोग के मंशा अनुरूप जिले के संकेतकों पर जिले की जनता की आवश्यकतानुसार घटकों की पहचान कर उसके हिसाब से कार्य किया जावे। संपूर्णता अभियान अंतर्गत विभिन्न विभागों द्वारा किये गये कार्यो की जानकारी प्राप्त की गई और आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये।
बैठक के अंत में विगत वर्षो में अमृत सरोवर एवं महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए जो कार्य किये गये हैं उसकी जानकारी भेजी जावे। बैठक में कलेक्टर द्वारा प्रभारी सचिव श्री आशीष श्रीवास्तव का आभार व्यक्त किया और उपस्थित अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि विगत दिवस बमोरी एवं आज जिला स्तर पर आयोजित बैठक के दौरान प्रभारी सचिव द्वारा जो सुझाव एवं मार्गदर्शन दिये हैं उस संबंध में सभी विभाग प्रमुखों को कलेक्टर द्वारा निर्देशित किया गया कि इसकी पीपीटी तैयार की जावे। प्रति सप्ताह होने वाले समय सीमा बैठक में इसकी समीक्षा की जावेगी।