केंद्र से जुड़े अवमानना के 1.50 लाख मामले अदालतों में लंबित, अधिकांश विभागों में लीगल सेल नहीं
कई मंत्रालयों और विभागों में कानून के जानकार अधिकारियों की कमी है, जिसके चलते अदालती आदेश का जवाब देने में अमूमन देरी होती है। केंद्रीय कानून मंत्रालय ने ऐसी कार्यवाहियों को रोकने के लिए केंद्रीय मंत्रालयों के अदालती आदेशों पर समय पर और पर्याप्त प्रतिक्रिया दिए जाने पर जोर दिया है।

नई दिल्ली (आरएनआई) केंद्र सरकार से संबंधित लगभग 1.50 लाख अवमानना मामले देश की अलग-अलग अदालतों में लंबित हैं। कई मंत्रालयों और विभागों में कानून के जानकार अधिकारियों की कमी है, जिसके चलते अदालती आदेश का जवाब देने में अमूमन देरी होती है। केंद्रीय कानून मंत्रालय ने ऐसी कार्यवाहियों को रोकने के लिए केंद्रीय मंत्रालयों के अदालती आदेशों पर समय पर और पर्याप्त प्रतिक्रिया दिए जाने पर जोर दिया है।
मंत्रालय ने कहा, अलग-अलग मंत्रालयों या उनके विभागों में मुकदमेबाजी का प्रबंधन करने वाले कई अधिकारियों के पास कानून के क्षेत्र में योग्यता नहीं होती है। इसकी वजह से न्यायिक निर्देशों पर देरी से प्रतिक्रिया होती है। इससे संस्थानों के प्रमुखों के खिलाफ अवमानना के मामले सामने आते हैं। मंत्रालय के कानूनी मामलों के विभाग ने कहा कि संसाधनों की कमी के कारण मुकदमेबाजी के प्रबंधन के लिए मंत्रालयों की क्षमता सीमित है।
अधिकांश मंत्रालयों और विभागों के पास एक समर्पित कानूनी प्रकोष्ठ नहीं है। ऐसे मामलों को आमतौर पर संबंधित विषय वस्तु की देखरेख करने वाले प्रशासनिक या तकनीकी प्रभागों की ओर से संभाला जाता है। कई बार फैसले और आदेशों का पालन नहीं करने पर अधिकारियों के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाती है, जिसे समन्वय तंत्र को बढ़ाकर रोका जा सकता है।
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