केंद्र सरकार ने सांख्यिकी सर्वेक्षण के पैनल को किया भंग, जनगणना में देरी पर सदस्यों ने जताई थी चिंता
केंद्र सरकार ने जनगणना के लिए बने सांख्यिकी सर्वेक्षण के पैनल को भंग कर दिया है। बता दें कि केंद्रीय सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने देश के प्रख्यात अर्थशास्त्री और पूर्व मुख्य सांख्यिकीविद् प्रणब सेन की अध्यक्षता वाली सांख्यिकी पर 14 सदस्यीय स्थायी समिति को भंग कर दिया है।
नई दिल्ली (आरएनआई) केंद्र सरकार ने सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की तरफ से सभी सांख्यिकीय सर्वेक्षणों की देखरेख के लिए गठित समिति को भंग कर दिया गया है। जानकारी के मुताबिक जनगणना में देरी को लेकर समिति के कुछ सदस्यों की तरफ से चिंता जताई जा रही थी। मंत्रालय की तरफ से पैनल के सदस्यों को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि समिति की तरफ से किया गया कार्य हाल ही में गठित राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षणों के लिए संचालन समिति की तरफ से किए गए कार्य के समान है और इसलिए समिति को भंग किया जा रहा है।
कांग्रेस ने स्थायी समिति को कथित तौर पर भंग किए जाने को लेकर सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि इसके सदस्य बार-बार सवाल कर रहे थे कि 2021 में होने वाली दशकीय जनगणना अभी तक क्यों नहीं कराई गई है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में सवाल पूछते हुए निशाना साधा और लिखा, और किसलिए? सरकार से बार-बार सिर्फ यह पूछने के लिए कि 2021 में होने वाली दशकीय जनगणना अभी तक क्यों नहीं कराई गई। इस देरी के कारण कम से कम 10 करोड़ भारतीय राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013/प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत राशन लाभ समेत अन्य कई लाभों से वंचित हैं।
13 जुलाई, 2023 को सरकार ने दिसंबर 2019 में गठित आर्थिक सांख्यिकी पर स्थायी समिति के कवरेज के दायरे का नाम बदलने और विस्तार करने के बाद सांख्यिकी पर 14 सदस्यीय स्थायी समिति का गठन किया था। भारत में अंतिम जनगणना 2011 में की गई थी और यह 2021 में होने वाली अगली जनगणना के लिए निर्धारित समय-सीमा से पहले ही आगे निकल चुकी है।
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