केंद्र सरकार का कारगिल के लिए नागरिक उड़ान सेवाएं शुरू करने का प्रयास, 19 सीटर विमान का होगा संचालन
नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू ने कहा कि उड़ान परियोजना के तहत कारगिल के लिए नागरिक उड़ाने शुरू करने के लिए एयरलाइंस के साथ बातचीत जारी है। अगर कोई एयरलाइन कारगिस से श्रीनगर या जम्मू तक के लिए कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए तैयार है, तो हम उनके साथ नागरिक उड़ान संचालित करने के लिए आगे की प्रक्रिया पर बात करेंगे।
नई दिल्ली (आरएनआई) केंद्र सरकार कारगिर के लिए नागरिक उड़ान सेवाएं शुरू करने का प्रयास कर रही है। नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वहां के एयरपोर्ट के लिए केवल 19 सीटर विमान ही संचालित किया जा सकता है। लोकसभा में उन्होंने बताया कि कारगिर एयरपोर्ट पर रनवे, लैंडिंग और टेक-ऑफ प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए केवल 19 सीटर विमान का ही संचालन किया जा सकता है।
नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू ने कहा कि उड़ान परियोजना के तहत कारगिल के लिए नागरिक उड़ाने शुरू करने के लिए एयरलाइंस के साथ बातचीत जारी है। उन्होंने कहा, "हम कारगिल के लिए नागरिक उड़ान शुरू करने के लिए प्रयास कर रहे हैं। अगर कोई एयरलाइन कारगिस से श्रीनगर या जम्मू तक के लिए कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए तैयार है, तो हम उनके साथ नागरिक उड़ान संचालित करने के लिए आगे की प्रक्रिया पर बात करेंगे।" मंत्री ने बताया कि वह जल्द से जल्द इस पर काम करना चाहते हैं। बता दें कि उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) नागरिक उड्डयन मंत्रालय की क्षेत्रीय हवाई कनेक्टिविटी योजना है।
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई), भारतीय वायु सेना और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के अधिकारियों की एक टीम ने 2021 में वाखा कारगिल, तुर्टुक, डिस्किट, न्योमा और पदुम/जांस्कर का दौरा किया था। केंद्रीय शासित प्रदेश लद्दाख में एयरपोर्ट के निर्माण के लिए इन साइटों का दौरा किया गया। हालांकि, इनमें से कोई भी साइट एयरपोर्ट के निर्माण के लिए उपयुक्त नहीं पाई गई। लद्दाख प्रशासन के अनुरोध पर एएआई ने कारगिर एयरपोर्ट पर बोइंग 737 और एयरबस 320 विमानों के संचालन की व्यवहार्यता का पता लगाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) को नियुक्त किया गया है। आईसीएओ ने बताया कि मौजूदा हवाईपट्टी पर ऐसे विमानों का संचालन संभव नहीं है।
नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू ने बताया कि 12 एयरपोर्ट डिजीयात्रा सुविधा लागू करने के लिए तैयार हैं। वर्तमान में डिजीयात्रा सुविधा केवल 15 एयरपोर्ट पर ही उपलब्ध है। उन्होंने लोकसभा में कहा कि 12 अन्य एयरपोर्ट डिजीयात्रा को लागू करने के लिए तैयार हैं। वहीं 1 एयरपोर्ट इस सुविधा की तैयारी कर रहे हैं।
प्रश्नकाल के दौरान उन्होंने बताया कि डिजीयात्रा एप के जरिए साझा किए गए यात्रियों का डेटा किसी भी सेंट्रलाइज्ड सिस्टम में स्टोर नहीं होगा। सरकार डेटा गोपनीयता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। फेशियल रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी (एफआरटी) पर आधारित डिजीयात्रा भारत में यात्रियों को विभिन्न एयरपोर्ट पर संपर्क रहित, निर्बाध गति की सुविधा प्रदान करती है।
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