केंद्र को ‘कर्नाटक के कब्जे वाले महाराष्ट्र के इलाकों’ को केंद्रशासित प्रदेश घोषित कर देना चाहिए: उद्धव ठाकरे

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोमवार को राज्य विधान परिषद में कहा कि केंद्र सरकार को ‘कर्नाटक के कब्जे वाले महाराष्ट्र के क्षेत्रों’ को केंद्रशासित प्रदेश घोषित कर देना चाहिए।

Dec 26, 2022 - 18:30
 0  621
केंद्र को ‘कर्नाटक के कब्जे वाले महाराष्ट्र के इलाकों’ को केंद्रशासित प्रदेश घोषित कर देना चाहिए: उद्धव ठाकरे
उद्धव ठाकरे

नागपुर, 26 दिसंबर 2022, (आरएनआई)। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोमवार को राज्य विधान परिषद में कहा कि केंद्र सरकार को ‘कर्नाटक के कब्जे वाले महाराष्ट्र के क्षेत्रों’ को केंद्रशासित प्रदेश घोषित कर देना चाहिए।

महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच सीमा विवाद पर उच्च सदन में अपनी बात रखते हुए शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता ने कहा कि यह केवल भाषा और सीमा का नहीं, बल्कि ‘मानवता’ का मामला है।

उन्होंने कहा कि सीमावर्ती गांवों में कई पीढ़ियों से मराठी भाषी लोग रह रहे हैं और उनकी जीवनशैली तथा भाषा मराठी है।

ठाकरे ने कहा कि जब तक मामला उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है, ‘‘कर्नाटक के कब्जे वाले महाराष्ट्र के क्षेत्रों को केंद्र सरकार को केंद्रशासित क्षेत्र’’ घोषित कर देना चाहिए।

उन्होंने इस मामले में राज्य सरकार के रुख पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री (एकनाथ शिंदे) ने इस मुद्दे पर एक भी शब्द कहा है।

ठाकरे ने परोक्ष रूप से कर्नाटक सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मामला अदालत में है और इस पर यथास्थिति बनी हुई है, लेकिन माहौल कौन बिगाड़ रहा है?

कर्नाटक विधानसभा ने इस रुख को दोहराया है कि सीमा का मुद्दा सुलझा हुआ है और एक इंच भी जमीन पड़ोसी राज्य को नहीं दी जाएगी।

ठाकरे ने दोनों राज्यों के ‘संरक्षकों’ के रूप में केंद्र सरकार की भूमिका पर सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा, ‘‘क्या केंद्र सरकार ने संरक्षक की भूमिका निभाई ? हम चाहते हैं कि वह ऐसी भूमिका निभाए।’’

उन्होंने यह भी कहा कि दोनों सदनों के सदस्यों को महाजन आयोग की रिपोर्ट पढ़नी चाहिए।

ठाकरे ने कहा कि जब बेलगावी नगर निगम ने महाराष्ट्र के साथ विलय का प्रस्ताव पारित किया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की गयी।

उन्होंने कहा कि इसी तरह महाराष्ट्र की कुछ ग्राम पंचायतों ने तेलंगाना के साथ विलय की मांग की है। ठाकरे ने कहा, ‘‘क्या शिंदे सरकार में इन ग्राम पंचायतों के खिलाफ कार्रवाई करने का जरा भी साहस है?’’

इस दौरान विधान परिषद की अतिथि दीर्घा में राज्यसभा सदस्य और उद्धव नीत शिवसेना के नेता संजय राउत बैठे थे।

भाषाई आधार पर राज्यों के पुनर्गठन के बाद 1957 से ही दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद है।

महाराष्ट्र पूर्ववर्ती बंबई प्रेसीडेंसी का भाग रहे बेलगावी पर दावा करता है, क्योंकि वहां बड़ी संख्या में मराठी भाषी लोग रहते हैं। वह कर्नाटक के 800 से ज्यादा मराठी भाषी गांवों पर भी दावा करता है।

लेकिन कर्नाटक का कहना है कि सीमांकन, राज्य पुनर्गठन कानून और 1967 की महाजन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार भाषाई आधार पर किया गया था, जो अंतिम है।

What's Your Reaction?

Like Like 0
Dislike Dislike 0
Love Love 0
Funny Funny 0
Angry Angry 0
Sad Sad 0
Wow Wow 0
RNI News Reportage News International (RNI) is India's growing news website which is an digital platform to news, ideas and content based article. Destination where you can catch latest happenings from all over the globe Enhancing the strength of journalism independent and unbiased.