केंट थाना द्वारा किए पक्षपात के मामले में कैंट थाना प्रभारी और थाने के विवेचना अधिकारी को न्यायालय ने दिए दिशा निर्देश

Apr 15, 2025 - 16:51
Apr 15, 2025 - 16:51
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केंट थाना द्वारा किए पक्षपात के मामले में कैंट थाना प्रभारी और थाने के विवेचना अधिकारी को न्यायालय ने दिए दिशा निर्देश

गुना (आरएनआई) दिनांक 02/02/25 की दोपहर लगभग 1:30- 02 बजे प्रार्थीया श्रीमती नाजमा बेगम पत्नी स्व. जलालुद्दीन उम्र 46 वर्ष, निवासी - विकास नगर अपने पिता सफातउल्ला खान, और भतीजे एहतेशाम के साथ घर पर थी तभी मोहन सिंह परिहार,केशव शर्मा, हनी सुखीजा और अन्य 40- 50 बदमाश अचानक घर में प्रवेश करके आए और मेरे घर का सामान तोड़ने और बाहर फेंकने लगे, उनके द्वारा टीवी, फ्रिज, कूलर,वाशिंग मशीन, लैपटॉप,प्रिंटर, माइक्रोवेव, कैमरे, डीवीआर, बेड ,सोफा, ड्रेसिंग, सब तोड़फोड़ कर बाहर फेंक दिया, लॉकर तोड़कर, अलमारी में रखें पैसे, जेवर, कागज़, बिल, पर्स और अन्य कीमती सामान ले गए और बाहर खड़ी एक्टिवा दो पहिया वाहन को तोड़ दिया जब मैंने रोकने की कोशिश की तो अश्लील हरकतें की, एक व्यक्ति ने कहा ज्यादा मत उचक वरना तेरी इज़्जत लूट लेंगे और मुझे पीछे से छुआ, मेरे भतीजे एहतेशाम ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो उनके द्वारा उसकी लात - घूसों से मारपीट की,मेरे वृद्ध पिता से मारपीट की जिसकी शिकायत हमने कैंट खाने में की क्रॉस में प्रकरण दर्ज कर लिया उक्त घटना में हुए पुलिस के अपेक्षा पूर्ण व्यवहार से व्यथित होकर मेरे द्वारा गुना न्यायालय में मोहन सिंह परिहार आदि के विरुद्ध एक प्राइवेट परिवाद क्रमांक UNCR/68/2025 अपने अभिभाषक - हर्ष मेर के माध्यम से लगाया गया और धारा 175(3), BNSS का आवेदन लगाया उक्त आवेदन को स्वीकार कर माननीय न्यायाधीश चेतन बजाड़ साहब न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी द्वारा दिनांक 11/4/25 को 175(3) BNSS आवेदन पर किए निर्णय में कैंट थाना के अनुसंधान अधिकारी को प्रकरण क्रमांक 119/25 में 4 धारायें बढ़ाने का निर्देश प्रदान किए हैं १- उक्त आदेश के अनुसार विवेचना अधिकारी रिष्टी (नुकसान) करने हेतु प्रेरित करने वाले षड्यंतकारी अभियुक्तगण को प्रकरण में शामिल करें, धारा 61(2)

2- रिष्टि (नुकसान) के संबंध में उचित मूल्यांकन कर अपराध दर्ज किया जाए विवेचना के दौरान धारा 324 (5) के तथ्य पाए जाते हैं तो विचार में लिया जाए ।

3-अभियुक्तगण द्वारा उपहती, हमले की तैयारी के पश्चात गृहअतिचार किया है ऐसी स्थिति में धारा 333 बीएनएस के तथ्य भी अभिलेख पर विद्यमान है जिसे विवेचना के दौरान विचार में लिया जाए ।

4-वीडियो के अवलोकन से स्पष्ट है कि घटनास्थल पर लगभग 15 व्यक्तियों से अधिक व्यक्ति मौजूद थे प्रत्येक अभियुक्त की वीडियो से शिनाख्त किए जाने के पश्चात उक्त अभियुक्तगण को भी विवेचना के दौरान विचार में लिया जाए ।
उपरोक्त बिंदुओं के संबंध में आरक्षी केंद्र कैंट थाना प्रभारी और अपराध क्रमांक 119/2025 के अन्वेषण अधिकारी को भी इस आशय का पत्र प्रेषित किया जाए तथा इस आदेश की सत्य प्रतिलिपि थाना प्रभारी आरक्षित केंद्र कैंट जिला गुना को प्रेषित की जाए ।

उपरोक्त आवेदन 175(3) BNSS को आंशिक रूप से स्वीकार तथा आंशिक रूप से निरस्त कर विवेचना में पाई गई त्रुटि के संबंध में निर्देश पारित किए गए हैं, उक्त दिशा निर्देशों के चलते यह साबित हो गया है कि कैंट थाना द्वारा फरियादिया के साथ हुई घटना के संबंध में उचित धाराओं में उसका प्रकरण पंजीबद्ध नहीं किया था और विवेचना अधिकारी द्वारा उचित रूप से विवेचना नहीं की जा रही थी माननीय न्यायालय द्वारा दिए गए उक्त दिशा निर्देशों से कैंट थाना गुना में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है ऐसा प्रतीत होता है।

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