बंगाल: 'कुंभ हो या कोई और मेला, सभी को बना दूंगा अग्निरोधी', गंगासागर मेले को लेकर इंजीनियर स्वपन सेन का दावा
वैज्ञानिक स्वपन सेन का कहना है कि गंगासागर में शिविरों के निर्माण भी बांस, होगला पत्ते (विशेष तरह का पत्ता) व कपड़ों से बनाए जाते हैं। इन पर आग तेजी से फैलता है।

कोलकाता (आरएनआई) देश में कहीं पर भी बड़े मेले लगते हैं, मुझे हमेशा इसमें आगजनी का भय बना रहता है। जैसे आज कुंभ के मेले में आगजनी हुई। इससे काफी नुकसान हुआ। इसे अग्निरोधी बनाया जा सकता है। गंगासागर मेले में भी लाखों लोग आते हैं। मैंने इस मेले को अग्निरोधी बना दिया है। यह दावा किया है, पश्चिम बंगाल के इंजीनियर स्वपन सेन ने, जो पिछले कई वर्षों से गंगासागर मेले को अग्रिनरोधी बनाए हुए हैं। उन्होंने दावा किया, देश में कोई भी मेला हो, उसे वे अपनी तकनीक से अग्निरोधी बना सकते हैं।
कोलकाता के जाधवपुर विश्वविद्यालय से स्नातक और किंग्स जॉर्ज कॉलेज, लंदन से एमएससी करने वाले सेन ने कहा, "गंगासागर मेले में शिविर में होगला, बांस और कपड़े से बनाए जाते हैं। इनको हम पहले विभिन्न रसायनों से भरे कुंडों में भिगोते हैं। फिर उन्हें सुखाते हैं। फिर उनमें बोरक्स समेत विभिन्न रसायनों का छिड़काव करते हैं। इसके ये सभी अग्निरोधी बन जाते हैं। उन्होंने बताया कि गंगासागर में दो विशाल कुंड, जो 40 फुट लंबा, 40 फुट चौड़ा और 5 फुट गहरा है, बनाया है। हमारी 120 लोगों की टीम यहीं पर यह सब काम करते हैं।
85 वर्षीय सेन ने कहा, "मेलों में बांस, लकड़ी और कपड़ों का ज्यादा इस्तेमाल होता है। इनमें आग जल्दी पकड़ता है और जान माल का नुकसान होता है।" वैज्ञानिक सेन कहते हैं कि गंगासागर में शिविरों के निर्माण भी बांस, होगला पत्ते (विशेष तरह का पत्ता) व कपड़ों ,से बनाए जाते हैं। इन पर आग तेजी से फैलता है। लेकिन हमने विभिन्न रासायनिक पदार्थों का इस्तेमाल कर इन्हें अग्निरोधी बना दिया है। ऐसा नहीं है कि आग नहीं लगेगी, आग लगेगी लेकिन धीरे-धीरे। इतने धीरे कि आराम से लोग निकल पाएंगे, दमकल को बुझाने में करीब 1 से डेढ़ घंटे का समय मिल जाएगा। नुकसान ना के बराबर होगा।
सेवानिवृत्ति के बाद वापस 2000 में देश लौटने वाले सेन ने बाताय कि वे 1980 से 2000 के बीच 14 कैमिकल पेटेंट करा चुके हैं। उन्होंने कहा, "मैं विदेश में रह कर आमार की जिंदगी जी सकता था। 86 वर्ष की उम्र में भी दिन रात इस पर काम कर रहा हूं। ताकि देश के लोगों का भला कर सकूं। यह जो अग्निरोधी कैमिकल है, वह पूरी तरह से मेरी ही इजात की हुई है।
वैज्ञानिक स्वपन सेन ने कहा, "अगर मुझे सरकार मौका दे तो मैं कुंभ ही नहीं बल्कि किसी भी मेले को अग्निरोधी बना सकता हूं। गंगासागर मेले में 2008 से काम कर रहा हूं। मेरा एक मात्र मकसद है, मेलों या किसी बड़े कार्यक्रम में आग जनित जान-माल के नुकसान को बचाना।
Follow RNI News Channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6X
What's Your Reaction?






