किसानों के लिए खुशखबरी वाला सर्वे, बेफिक्र होकर बोएं खरीफ की फसल
जोधपुर स्थित टिड्डी चेतावनी संगठन द्वारा हाल ही में एक सर्वे किया गया। सर्वे में पाया गया है कि इस साल भारत टिड्डियों के हमले से मुक्त रहेगा।
नई दिल्ली (आरएनआई) भारत के उन किसानों के लिए एक अच्छी खबर है, जो खरीफ की फसल फसल बोने की तैयारी कर रहे हैं या इस काम की शुरुआत कर चुके हैं। एक सर्वे में यह बात सामने आई है कि भारत इस बार भी टिड्डियों से मुक्त रहेगा। बता दें कि कि कुछ साल पहले तक किसानों के लिए ये सबसे बड़ा खतरा बन गए थे। जोधपुर स्थित टिड्डी चेतावनी संगठन द्वारा भारतीय कृषि मंत्रालय और किसान कल्याण संगठन के अंतर्गत हाल ही में एक सर्वे किया गया।
सर्वे में भारत को इस साल के पहले पखवाड़े में टिड्डियों से मुक्त पाया गया है। इस सर्वे के दौरान 165 जगहों का परीक्षण किया गया, जिनमें ज्यादातर जगहें गुजरात और राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों में हैं। भारत रेगिस्तानी टिड्डियों की गतिविधियों से मुक्त है। सर्वेक्षण के दौरान रेगिस्तानी क्षेत्र शुष्क पाया गया और सूरतगढ़ में कुछ स्थानों पर वनस्पति हरी मिली।
सर्वेक्षण में वैश्विक संस्था एफएओ के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा गया कि ईरान, पाकिस्तान, भारत और अफगानिस्तान में टिड्डियों को लेकर स्थिति शांत है। इसके अलावा बलूचिस्तान के उत्तरी क्षेत्र के दलबंद में कुछ हल्की-फुल्की गतिविधियां देखीं गईं हैं। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के रेगिस्तानी क्षेत्र में टिड्डियों के प्रजनन के लिए परिस्थितियाँ अनुकूल नहीं हैं।
टिड्डियों में फसलों को नष्ट करने की क्षमता होती है। अगर ये एक बड़े समूह में हों तो खाद्य सुरक्षा को खतरे में डाल सकती हैं। 2020 की शुरुआत में पाकिस्तान में टिड्डियों का खतरा देखा गया था, जब इसे देखते हुए राष्ट्रीय आपातकाल घोषित कर दिया गया था। उसी समय भारत के राजस्थान, गुजरात, पंजाब के कुछ क्षेत्रों, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में भी बड़े पैमाने पर टिड्डियों का आक्रमण देखा गया था। भारत में टिड्डियों का झुंड पहली बार अप्रैल की शुरुआत में पाकिस्तान की सीमा से लगे राजस्थान के जिलों में देखा गया था। उस दौरान इस झुंड ने बड़े पैमाने पर फसल को नुकसान पहुंचाया था। टिड्डियों का झुंड राजस्थान तक ही सीमित रहा।
भारत के किसान खरीफ की फसल बोने की तैयारी कर रहे हैं और कुछ जगह इसकी शुरुआत भी हो गई है। धान, मूंग, बाजरा, मक्का, मूंगफली, सोयाबीन और कपास मुख्य खरीफ की फसलें हैं।
जून-जुलाई के दौरान बोई गई और अक्टूबर-नवंबर में काटी गई फसल को खरीफ की फसल कहा जाता है। जो फसलें अक्टूबर और नवंबर के दौरान बोई जाती हैं और जनवरी से मार्च के बीच काटी जाती हैं, उन्हें रबी की फसल कहा जाता है। रबी और खरीफ के बीच उगाई जानेवाली फसलें ग्रीष्मकालीन फसलें हैं।
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