किसान विभाग से 50 से 80 प्रतिशत अनुदान पर कृषि यंत्र प्राप्त कर सकते है
हरदोई (आरएनआई) कृषि सूचना तंत्र के सुदृढ़ीकरण एवं कृषक जागरुकता कार्यक्रम के अंतर्गत विराट किसान मेला का आयोजन आज राजकीय ऊसर सुधार प्रक्षेत्र कासिमाबाद, सण्डीला में किया गया। मेले में कृषि विभाग के अधिकारियों व कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों ने किसानों को श्री अन्न (मिलेट्स) व विभागीय योजनाओं के बारे में जानकारी दी। उप कृषि निदेशक डा० नन्द किशोर ने किसानों को अवगत कराया कि श्री अन्न (मिलेट्स) का उपयोग खाद्य सामग्री, पशु चारा, दवाइयां एवं अन्य मूल्य सर्वर्धित उत्पादों के रूप में उपयोग किया जाता है। इनमें बीज, उर्वरक कीटनाशक, सिंचाई जल आदि कृषि निवेश कम लगने से किसानों को कम लागत में अधिक लाभ मिलता है। मिलेट्स शुष्क क्षेत्रों और कम उपजाऊ भूमि में भी अच्छी उपज दे सकते हैं। उप कृषि निदेशक, हरदाई द्वारा अवगत कराया गया कि जिन किसानों का पी0एम0 किसान योजना अन्तर्गत भूमि अंकन नहीं हुआ है वे अपने विकासखण्ड के राजकीय कृषि बीज भण्डार पर सम्पर्क कर भूमि अंकन करवा लें तथा ई० के०वाई०सी प्रक्रिया भी पूर्ण करा लें। किसान भाई विभाग से 50 से 80 प्रतिशत अनुदान पर कृषि यंत्र प्राप्त कर सकते है। उप सम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारी, सदर, हरदोई विनीत कुमार ने किसान भाईयों को अवगत कराया कि श्री अन्न (मिलेट्स) के बीज मई माह में राजकीय कृषि बीज भण्डारों पर वितरित किये जायेंगे। जिसके लिये कृषक भाई अपने विकासखण्ड के राजकीय कृषि बीज भण्डार पर सम्पर्क कर पंजीकरण करवा सकते है ऊसर भूमि सुधार हेतु उँचा (हरी खाद की फसल लगाया जाना जरुरी है। किसान भाई अप्रैल माह में 50 प्रतिशत अनुदान पर टैंचा बीज राजकीय कृषि बीज भण्डार पर ले सकते है। इस समय 90 प्रतिशत अनुदान पर संकर मक्का बीज राजकीय कृषि बीज भण्डारों पर उपलब्ध है। वरिष्ठ प्राविधिक सहायक सुश्री सोनी कुशवाहा ने किसानों को मिलेट्स जैसे ज्वार, बाजरा, कोंदी, सांवा, काकून की खेती के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुये बताया कि सभी मिलेट्स की बुवाई जून और जुलाई माह में की जाती है। मिलेट्स 60 से 90 दिनों में तैयार होने वाली फसलें हैं फलतः मिलेट्स से किसान एक वर्ष में अधिक फसलें ले सकते हैं। श्री अन्न की फसल वाले खेतों में रबी की फसलों की पैदावार बढ़ जाती है। कृषि वैज्ञानिक डा० त्रिलोकी नाथ राय ने किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड के अनुसार भूमि में जीवाश बढ़ाकर संस्तुत मात्रा में उर्वरक प्रयोग की जानकारी दी। वरिष्ठ प्राविधिक सहायक हिमांशु चौधरी ने किसान भाईयों को अवगत कराया कि गर्मी के मौसम में खेत खाली न रखकर मूंगफली, संकर मक्का, उर्द, अरहर फसलों की खेती कर सकते है। वरिष्ठ प्राविधिक सहायक ओम ओमर द्वारा गौ आधारित प्राकृतिक खेती के बारे में कृषकों को प्रेरित किया गया। मेले में देव जादूगर द्वारा अपने कार्यक्रम से किसानों को श्री अन्न (मिलेट्स) की खेती के प्रति जागरुक किया गया। कार्यक्रम में एल0ई0डी0 के माध्यम से जैविक एवं श्रीं अन्न (मिलेट्स) की खेती की डाक्यूमेंट्री किसानों को दिखाकर प्रेरित किया गया। कार्यक्रम में प्रक्षेत्र प्रबन्धक ने नवीनतम कृषि तकनीकी एवं पशुचिकित्साधिकारी ने पशुपालन सम्बन्धी जानकारी कृषकों को दी। उक्त कार्यक्रम में वन विभाग, उद्यान विभाग, कृषि विज्ञान केन्द्र, मृदा एवं बीज परीक्षण प्रयोगशाला, हरदोई, लक्ष्य उदय आर्गेनिक फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनी एवं प्रगतिशील कृषक धीरेन्द्र सिंह द्वारा गौ आधारित प्राकृतिक खेती के उत्पादों का स्टाल लगाया गया। कार्यक्रम में कृषि विभाग के प्राविधिक सहायक ग्रुप सी एवं सहायक विकास अधिकारी (कृषि) एवं काफी संख्या में कषक उपस्थित रहे।
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