किडनी मरीज की डायलिसिस होते ही हो गई मौत, गुस्साए परिजनों ने किया हंगामा, प्रशासन और पुलिस ने संभाली स्थिति, देर रात्रि हुआ पोस्टमार्टम
गुना। शहर में स्थित श्री बालाजी हॉस्पिटल में किडनी मरीज की चौथी डायलेसिस के दौरान मौत हो गई, परिजनों ने लापरवाही से इलाज के दौरान हुई मौत के आरोप लगाकर शव को रखकर हंगामा किया। हंगामे ओर रास्ता जाम होने पर पुलिस एवं प्रशासन मोके पर पहुंचा तथा परिजनों को समझाइस दी।
मामला यह है कि नानाखेड़ी निवासी नरेश कुशवाह की डायलिसिस को लेकर परिजन शहर के बालाजी हॉस्पिटल में डॉक्टर से चर्चा के बाद लाए, डायलेसिस के दौरान उनकी कुछ ही मिनटों में मौत हो गई। मौत से गुस्साए परिजनों ने स्टाफ की लापरवाही से मौत होना बताकर हंगामा खड़ा कर दिया। परिजनों ने अनट्रेंड तकनीशियनों के द्वारा डायलेसिस करने के कारण लसपरवाही से मौत होना बताते हुए अस्पताल प्रबंधन को नरेश की मौत का जिम्मेदार बताकर पुलिस कार्रवाई किए जाने और इलाज के दौरान के सीसीटीवी कैमरे में कैद फुटेज दिलाने की मांग करने हुए शव को अस्पताल के बाहर रखकर कॉलोनी के आम रास्ता जाम करते हुए नारेबाजी की।
काफी देर बाद तहसीलदार सिद्धार्थ भूषण शर्मा, सिटी कोतवाली प्रभारी एमएम मालवीय टीम के साथ वहां पहुंचे। आक्रोशित परिजनों को समझाने के बाद लाश को पुन: एंबुलेंस में रखकर जिला अस्पताल पहुंचवाया, जहां डॉक्टरों के एक पैनल ने देर रात पीएम किया।
निजी हॉस्पिटल पर परिजनों का कहना था कि वे मरीज को दो घंटे पहले अस्पताल लाए, डायलिसिस होते ही मात्र पांच मिनट में मरीज की अस्पताल में ही मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि डायलिसिस करने से पहले टेक्नीशियन ने किसी विशेष से नहीं ली सलाह।
बता दें की नानाखेड़ी मंडी गेट के सामने रहने वाला 40 वर्षीय नरेश कुशवाह कुछ समय से बीमार चल रहा था, उसका इलाज कोटा के एक अस्पताल में चल रहा था। किडनी की तकलीफ के समय उसकी डायलिसिस हो रही थी। चौथी डायलिसिस कराने के लिए मृतक नरेश के भाई राहुल कुशवाह बुधवार को श्री बालाजी हॉस्पिटल लाए थे। जहाँ उसकी डायलिसिस होने के साथ ही घबड़ाहट हुई और नरेश की मौत हो गई। हॉस्पिटल संचालक आरके नैय्यर ने मरीज की मौत का स्पष्ट कारण न बताकर कहा कि हार्ट अटैक आदि से मौत होने का कारण बताया।
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