काम में लापरवाही पड़ी भारी, चिकित्सा अधिकारी की सेवा समाप्ति की कार्रवाई
>भोपाल.(आरएनआई) भोपाल में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय द्वारा स्वास्थ्य संस्थाओं में कर्मचारियों की नियत समय पर उपस्थिति का निरीक्षण लगातार दूसरे दिन भी जारी रहा। एक दिन पूर्व ही निरीक्षण के दौरान विलंब से आए चिकित्सकों और कर्मचारियों पर सीएमएचओ भोपाल डॉ प्रभाकर तिवारी द्वारा कड़ी कार्रवाई की गई थी। सी एम एच ओ द्वारा की गई कार्रवाई और सघन मॉनिटरिंग के कारण लगभग सभी स्वास्थ्य संस्थाओं का स्टाफ निर्धारित समय पर उपस्थित मिला।
वेतन कटौती एवं कारण बताओ नोटिस जारी
शुक्रवार को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल के निर्देश पर विभिन्न अधिकारियों ने स्वास्थ्य संस्थाओं में सुबह की ओ पी डी का निरीक्षण किया था। संस्थाओं में विलंब से पहुंचने वाले 20 चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ के खिलाफ सीएमएचओ द्वारा कार्रवाई करते हुए वेतन कटौती एवं कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। शनिवार को सुबह 9.00 बजे पुनः विभागीय अधिकारियों ने स्वास्थ्य संस्थाओं में जाकर ओ पी डी के समय पर चालू होने ,स्टाफ की समय पर उपस्थिति एवं सेवा प्रदायगी की जांच की।
दुरुस्त मिली व्यवस्था
इन दलों द्वारा सिविल अस्पताल गोविंदपुरा, सिविल डिस्पेंसरी पिपलानी, सिविल डिस्पेंसरी आनंद नगर, सिविल डिस्पेंसरी 1100 क्वार्टर, सिविल डिस्पेंसरी बागसेवनिया, संजीवनी क्लिनिक बाबा नगर, शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ईशान नगर का निरीक्षण किया गया। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, आयुष्मान आरोग्य मंदिरों की ओ पी डी सेवाओं को देखा गया। प्रायः सभी संस्थाओं में सुबह 9.00 बजे स्टाफ उपस्थित मिला।
चिकित्सा अधिकारी डॉ संजय मल्होत्रा पाए गए अनुपस्थित
निरीक्षण में शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ईशान नगर में पदस्थ चिकित्सा अधिकारी डॉ संजय मल्होत्रा अनुपस्थित पाए गए। उनके द्वारा उपस्थिति पंजी पर एक दिन पूर्व ही हस्ताक्षर कर दिए गए थे। डॉ मल्होत्रा की कार्यप्रणाली की शिकायतें पूर्व में भी प्राप्त हुईं थी। इनके द्वारा कर्त्तव्य के प्रति निरन्तर उदासीनता और लापरवाही को देखते हुए सेवा समाप्ति की कार्यवाही प्रस्तावित की गई है।
स्वास्थ्य सेवाओं का फीडबैक
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल डॉ प्रभाकर तिवारी ने बताया कि मरीजों को उपचार लेने में विलंब और परेशानी न हो , इसके लिए समय-समय पर संस्थाओं का औचक निरीक्षण करवाया जाता है। निरीक्षण के दौरान मरीजों से स्वास्थ्य सेवाओं का फीडबैक भी लिया जा रहा है।
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