कांग्रेस ने बजट को बताया भेदभावपूर्ण, कहा- नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करेंगे पार्टी के सीएम
कांग्रेस ने केंद्रीय बजट को खतरनाक बताकर की घोषणा, कहा- नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं होंगे पार्टी के मुख्यमंत्री
नई दिल्ली (आरएनआई) मंगलवार को सदन में केंद्र सरकार द्वारा पेश किया गया बजट कांग्रेस ने भेदभावपूर्ण और खतरनाक बताया। कांग्रेस ने घोषणा की कि इसके विरोध में कांग्रेस पार्टी के मुख्यमंत्री 27 जुलाई को होने वाली नीति आयोग गवर्निंग काउंसिल की बैठक में शामिल नहीं होंगे।
केंद्रीय बजट 2024-25 को कांग्रेस द्वारा भेदभावपूर्ण और खतरनाक बताया गया। कांग्रेस पार्टी ने घोषणा की 27 जुलाई की नीति आयोग की बैठक को पार्टी के मुख्मयंत्री बहिष्कार करेंगे। कांग्रेस के इस निर्णय में तमिलनाडु सीएम ने भी सहमति जताई है। मंगलवार शाम को कांग्रेस ने घोषणा की कि पार्टी के मुख्यमंत्री - सिद्धारमैया (कर्नाटक), रेवंत रेड्डी (तेलंगाना), और सुखविंदर सुखू (हिमाचल प्रदेश) 27 जुलाई को राष्ट्रीय राजधानी में होने वाली नीति आयोग गवर्निंग काउंसिल की बैठक में शामिल नहीं होंगे। कांग्रेस का आरोप है कि केंद्रीय बजट 2024-25 को कांग्रेस द्वारा भेदभावपूर्ण और खतरनाक इसके बाद अन्य कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी इस विरोध में शामिल होकर नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने का फैसला किया।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन ने भी कहा है कि वह विरोध स्वरूप 27 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में होने वाली नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करेंगे।
कांग्रेस महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "आज पेश किया गया केंद्रीय बजट बेहद भेदभावपूर्ण और खतरनाक है, जो संघवाद और निष्पक्षता के सिद्धांतों के पूरी तरह खिलाफ है। इसके विरोध में, कांग्रेस के मुख्यमंत्री 27 जुलाई को होने वाली नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करेंगे। उन्होंने कहा, "इस सरकार का रवैया संवैधानिक सिद्धांतों के बिल्कुल विपरीत है। हम ऐसे किसी कार्यक्रम में भाग नहीं लेंगे जो पूरी तरह से इस शासन के असली, भेदभावपूर्ण पहलुओं को छिपाने के लिए बनाया गया हो।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने 80 मिनट के बजट भाषण के दौरान कई उपायों की घोषणा की। जिसमें नई कर व्यवस्था में मानक कटौती को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये करना, नई व्यवस्था में कर स्लैब में संशोधन, सोने और चांदी पर सीमा शुल्क में कटौती, रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन के तहत तीन योजनाएं और नौकरी सृजन के लिए 2 लाख करोड़ रुपये शामिल हैं।
केंद्र सरकार के प्रस्तुत बजट पर कांग्रेस ने उनकी घोषणाओं पर कटाक्ष किया। कहा कि यह कुछ और नहीं बल्कि इस लंगड़ी सरकार को बचाए रखने की राजनीतिक मजबूरियों से प्रेरित सरकार बचाओ बजट है। वहीं वेणुगोपाल ने कहा, "बजट में महंगाई को कम करने या किसानों के संकट को हल करने के लिए कुछ नहीं किया गया है। इसमें मध्यम वर्ग के लिए कुछ भी नहीं है। पिछले 10 बजटों की तरह यह केंद्रीय बजट भी आम भारतीय की चिंताओं से कोसों दूर है।
वेणुगोपाल ने कहा, सरकार ने देर से ही सही, यह तो मान लिया है कि रोजगार सृजन समय की मांग है। बावजूद उसकी तथाकथित घोषणाएं पूरी तरह से कपटी और गैर-गंभीर हैं। वे हमारे न्याय पत्र की ठीक से नकल भी नहीं कर सके।" वेणुगोपाल के अनुसार, केवल बड़ी-बड़ी सुर्खियां बटोरना और वास्तविकता में मामूली जानकारी देना, भारत के युवाओं के भविष्य के साथ क्रूर मजाक के अलावा और कुछ नहीं है। उन्होंने कहा, "इस बजट के बाद भारतीय समाज का हर वर्ग और भी बदतर स्थिति में पहुंच जाएगा। लोगों के दर्द से पूरी तरह से कटी यह सरकार केवल अपने अस्तित्व के बारे में चिंतित रहेगी।
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