कांग्रेस ने पकड़ा मतदाता सूची में फर्जीवाड़ा
उज्जैन में कांग्रेस ने मतदाता सूची में फर्जीवाड़ा पकड़ा है। सांवेर विधानसभा में रहने वाले व्यक्ति का नाम तराना विधानसभा के मतदाता के तौर पर भी दर्ज पाया गया।
उज्जैन। (आरएनआई) तराना मे इन दिनों कांग्रेस पार्टी विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट चुकी है। इसके लिए मतदाता सूची का परीक्षण पूरे विधानसभा क्षेत्र में किया जा रहा है। इस सूची के परीक्षण के दौरान कांग्रेस पार्टी ने फर्जीवाड़ा पकड़ा है। कुछ लोगों के नाम इस मतदाता सूची में दर्ज हैं, लेकिन उनका निवास तराना विधनसभा क्षेत्र में है ही नहीं। यह लोग इंदौर जिले के सांवेर विधानसभा क्षेत्र में निवास करते हैं। इनके नाम मतदाता सूची में कैसे जुड़े, इसकी जांच भी नहीं हो रही है। इस गड़बड़ी को लेकर ग्राम करंज के सरपंच ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ शिकायत एसडीएम, रजिस्ट्रीकरण अधिकारी को की है। इसके बावजूद भी अब तक मामले पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है।
मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी उज्जैन संभाग के प्रवक्ता एडवोकेट विवेक गुप्ता ने बताया कि तराना विधानसभा क्षेत्र के ग्राम करंज के सरपंच जसवंत सिंह ने जब तराना विधानसभा क्षेत्र में मतदाता सूची का निरीक्षण किया तो वहां 13 लोगों के नाम ऐसे दिखे, जिन्हें सरपंच खुद ही नहीं पहचानते। मामले की जांच की गई तो पता चला कि यह लोग ऐसे हैं, जिनका नाम तराना और सांवेर विधानसभा क्षेत्रों में बतौर मतदाता दर्ज है। ग्राम करंज के सरपंच जसवंत सिंह ने कांग्रेस कार्यकर्ता शंकरलाल पिता तुलसीराम परमार के माध्यम से एसडीएम व रजिस्ट्रीकरण अधिकारी बोरासी को लिखित आपत्ति दी। उसके बावजूद भी निर्वाचन में उनके नाम नहीं हटाए गए थे।
कांग्रेस प्रवक्ता विवेक गुप्ता का आरोप है कि कांग्रेस कार्यकर्ता शंकरलाल परमार की शिकायत पर जब कोई कार्यवाही नहीं हुई तो इस मामले में उन्होंने जिला निर्वाचन अधिकारी कुमार पुरुषोत्तम, जिला उप-निर्वाचन अधिकारी महेंद्र कवचे एवं तराना एसडीएम बोरासी के संज्ञान में मामला मय-प्रमाण दिया। मतदाता सूची में नाम हटाने की मांग की गई है। साथ ही जनप्रतिनिधित्व अधिनियम धारा 18, 19 के तहत ऐसे फर्जी मतदाताओं पर मुकदमा कायम करने की मांग की है। महेंद्र कवचे ने आश्वस्त किया है कि जल्द से जल्द कार्रवाई होगी।
कांग्रेस प्रवक्ता विवेक गुप्ता का आरोप है कि भाजपा को अभी से हार का डर सताने लगा है। इसके लिए भाजपा के लोग अभी से क्षेत्र के विधायक महेश परमार के खिलाफ षड्यंत्र में लगे हैं। जिन लोगों के नाम तराना विधानसभा में निकले हैं, उनके नाम सांवेर विधानसभा में भी हैं। इन फर्जी मतदाताओं ने सांवेर विधानसभा से बिना नाम कटवाए तराना विधानसभा में नाम आखिर कैसे जुड़वा लिए? सांवेर के रहवासी होकर तराना में वोट करना क्यों चाहते हैं? यह सब भाजपा कार्यकर्ता परिवार है। इसके पीछे भाजपा ही इस तरह से फर्जीवाड़ा करने के लिए कार्यकर्ताओं को प्रेरित कर रही है।
एक से ज्यादा वोटर कार्ड बनवाने पर जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 31 के तहत कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है। मतदाता के खिलाफ ऐसा सिद्ध होने पर उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होती है। इसमें एक साल तक की सजा और जुर्माना या फिर दोनों हो सकते हैं। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 18,19 के तहत दो जगह मतदाता अपना नाम दर्ज नहीं करवा सकता है।
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