कांग्रेस ने जीएसटी पर फिर मोदी सरकार को घेरा, कहा- पॉपकॉर्न पर टैक्स की जगह अर्थव्यवस्था पर ध्यान दें

कांग्रेस के संचार मामलों के महासचिव जयराम रमेश ने जीएसटी के नए आंकड़ों पर कहा कि भारत कम खपत, कम निवेश, कम विकास, कम मजदूरी के खतरनाक चक्र में फंसा हुआ है। 

Jan 3, 2025 - 19:50
 0  351
कांग्रेस ने जीएसटी पर फिर मोदी सरकार को घेरा, कहा- पॉपकॉर्न पर टैक्स की जगह अर्थव्यवस्था पर ध्यान दें

नई दिल्ली  (आरएनआई) कांग्रेस ने एक बार फिर केंद्र पर निशाना साधा। उन्होंने शुक्रवार को जीएसटी के नए आंकड़ों को निराशाजनक बताया। साथ ही सरकार से पॉपकॉर्न पर टैक्स लगाने के बजाय अर्थव्यवस्था की जटिलताओं पर ध्यान केंद्रित करने की अपील की।  

कांग्रेस के संचार मामलों के महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पत्र साझा किया। उन्होंने जीएसटी के नए आंकड़ों पर इसमें कहा, 'भारत कम खपत, कम निवेश, कम विकास, कम मजदूरी के खतरनाक चक्र में फंसा हुआ है। ग्रोथ में गिरावट से लेकर खराब जीएसटी राजस्व संग्रह तक की आर्थिक मोर्चे पर निराशाजनक खबरें, सरकार से यह अपेक्षाए करती हैं कि सरकारी तंत्र अपना ध्यान पॉपकॉर्न पर टैक्स लगाने से हटाकर अर्थव्यवस्था की जटिलताओं से निपटने पर केंद्रित करे।' 

उन्होंने कहा, 'पिछले साल दिसंबर के ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले महीने जीएसटी संग्रह साढ़े तीन साल में दूसरी बार सबसे धीमी गति से बढ़ा है। रिफंड के समायोजन के बाद शुद्ध जीएसटी संग्रह घटकर 3.3 प्रतिशत रह गया है, जो वित्त वर्ष 2025 में सबसे कम है। यह कई मोर्चों को लेकर गंभीर खबर है। सबसे पहले, मौजूदा वित्तीय वर्ष की पहली तीन तिमाहियों में सरकार ने जीएसटी संग्रह में 8.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। जबकि बजट अनुमान में 11 प्रतिशत की वृद्धि की बात थी।'

उन्होंने आगे कहा कि राजस्व संग्रह में यह गिरावट सरकार के लिए मनरेगा जैसे सामाजिक कल्याण के कार्यक्रमों में और कटौती करने की वजह नहीं हो सकती है, वो भी ऐसे समय में जब ग्रामीण मजदूरी स्थिर रही है और खपत में कमी आई है। इसके बजाय सरकारी व्यय को अर्थव्यवस्था के लिए प्रोत्साहन के रूप में इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि दूसरा, पिछले महीने के शुद्ध संग्रह में इस नरमी के एक हिस्से के रूप में करदाताओं को रिफंड में 45.3 प्रतिशत की वृद्धि के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। कुछ हद तक यह सही भी है, लेकिन इन रिफंड्स का एक महत्वपूर्ण भाग धोखाधड़ी से भरे होने की आशंका है। जीएसटी प्रणाली की जटिलता के कारण - विशेष रूप से खामियों से भरे सॉफ्टवेयर सिस्टम के साथ मिल जाने पर - बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी की गुंजाइश होती है।

उन्होंने कहा कि इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) धोखाधड़ी विशेष रूप से आम बात है, केवल 12 प्रतिशत की वसूली दर के बीच, 35,132 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी की पहचान की गई है। आपूर्ति श्रृंखला के कमज़ोर ट्रैकिंग सिस्टम का मतलब है कि ख़रीदार आपूर्ति प्राप्त किए बिना आईटीसी का दावा कर सकते हैं और अक्सर धोखाधड़ी वाले रिफंड को लेने के लिए झूठे चालान का उपयोग करते हैं या टर्नओवर को बढ़ाते हैं। न्यूनतम सत्यापन और ऑनलाइन पंजीकरण के दौरान फिजिकल जांच न होने से भी फर्जी कंपनियां बन रही हैं, जो वास्तविक संचालन के बिना ही रिफंड मांगती हैं। फर्मों ने उन निर्यातों पर भी रिफंड क्लेम किया है जो इस तरह के लाभों के लिए योग्य नहीं हैं। जीएसटी के लिए पर्याप्त प्रवर्तन तंत्र का न होना वित्त पर प्रतिबिंबित होने लगा है।

उन्होंने यह भी कहा कि अंततः, यह गिरावट एक गहरे आर्थिक संकट के बुनियादी मुद्दे को भी प्रतिबिंबित करती है। जुलाई-सितंबर 2024 के दौरान जीडीपी ग्रोथ रेट घटकर मात्र 5.4 प्रतिशत रह गई थी जो 5.4 प्रतिशत की समान रूप से कमजोर निजी निवेश ग्रोथ के बराबर थी। उपभोग वृद्धि स्थिर हो गई है, जिसके कारण भारतीय उद्योग जगत से सार्वजनिक संकट को लेकर आवाजें उठ रही हैं। लगातार सामने आ रहे साक्ष्यों से पता चलता है कि कमरतोड़ महंगाई और बड़े पैमाने पर बेरोज़गारी के बीच, पिछले दस वर्षों में ग्रामीण मजदूरी स्थिर हो गई है। भारत कम खपत - कम निवेश - कम विकास - कम मजदूरी के खतरनाक चक्र में फंसा हुआ है।

जयराम रमेश ने कहा कि आर्थिक मोर्चे पर निराशाजनक खबरें - ग्रोथ में गिरावट से लेकर ख़राब GST राजस्व संग्रह तक - यह मांग करती है कि सरकारी तंत्र अपना ध्यान पॉपकॉर्न पर टैक्स लगाने से हटाकर अर्थव्यवस्था की जटिलताओं से निपटने पर केंद्रित करे। लगभग एक महीने बाद पेश होने वाले केंद्रीय बजट में भारत के गरीबों को आय सहायता और मध्यम वर्ग के लिए कर राहत प्रदान की जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि जीएसटी 2.0 - जो वास्तव में गुड और सिंपल हो, जैसा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए अपने न्याय पत्र में कल्पना की थी - लाया जाना चाहिए। टैक्स और जांच एजेंसी का आतंक, जो निजी निवेश को रोक रहा है और उद्यमियों को विदेश भागने के लिए मजबूर कर रहा है, समाप्त होना चाहिए।

Follow RNI News Channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6X

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

RNI News Reportage News International (RNI) is India's growing news website which is an digital platform to news, ideas and content based article. Destination where you can catch latest happenings from all over the globe Enhancing the strength of journalism independent and unbiased.