कांग्रेस ने अधीर रंजन चौधरी को बंगाल प्रदेश कमेटी के अध्यक्ष पद से हटाया
अधीर रंजन चौधरी ने कहा था कि पश्चिम बंगाल में चुनाव परिणाम भी पार्टी के लिए अच्छे नहीं थे। भले ही मैं अस्थायी डब्ल्यूबीपीसीसी अध्यक्ष था, यह मेरी ज़िम्मेदारी थी। जिसके बाद मैंने खरगे जी से कहा कि हो सके तो आप मुझे बदल दें।
कोलकाता (आरएनआई) कांग्रेस ने अधीर रंजन चौधरी को बंगाल प्रदेश कमेटी के अध्यक्ष पद हटा दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शुभांकर सरकार को तत्काल प्रभाव से पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया है। यह नियुक्ति तुरंत प्रभाव से लागू है। बता दें कि अधीर रंजन चौधरी ने हाल ही में बहरामपुर निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव हारने के बाद पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्हें टीएमसी के नए उम्मीदवार और पूर्व क्रिकेटर युसूफ पठान ने हराया था।
नई नियुक्ति के साथ, शुभांकर सरकार को AICC सचिव के उनके वर्तमान पद से मुक्त कर दिया गया है। अधीर लोकसभा चुनावों के दौरान नाराज थे, जब पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि ममता बनर्जी इंडीया गठबंधन का हिस्सा होंगी या नहीं, इस पर फैसला लेने वाले वह कोई नहीं हैं। चुनाव के दौरान, मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा था कि अगर जरूरत पड़ी तो अधीर को बाहर रखा जाएगा, जिससे वो नाराज थे।
अधीर रंजन चौधरी का जन्म 2 अप्रैल 1956 को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के बहरामपुर में हुआ।उनकी शिक्षा बहरामपुर में ही हुई थी। राजीव गांधी के प्रभाव में आकर 1991 में वह कांग्रेस में शामिल हुए और अपनी राजनीतिक करियर की शुरुआत की। उन्होंने पहली बार नाबाग्राम विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। अधीर ने 1996 में उसी सीट से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की।
1999 में वह पहली केंद्र की राजनीति में दाखिल हुए। इस चुनाव में उन्होंने बहरामपुर लोकसभा सीट से जीत हासिल की। उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी प्रमोथेस मुखर्जी को पराजित किया था। इसके बाद वह लगातार संसदीय चुनाव जीतते रहे। उन्होंने कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष के रूप में मुर्शिदाबाद जिले में काम किया। 2009 में वे लोकसभा चुनाव जीते और रेल मंत्री बने। 2012 में भी वह प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहे और विपक्ष की भूमिका में सक्रिय रहे।
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