कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास फिसल कर खाई में गिरने से तीन जवानों की मौत
जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास गश्त के दौरान फिसल कर खाई में गिरने से एक जूनियर कमीशंड अधिकारी (जेसीओ) सहित तीन सैनिकों की मौत हो गई। सेना ने बुधवार को यह जानकारी दी।
श्रीनगर, 11 जनवरी 2023, (आरएनआई)। जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास गश्त के दौरान फिसल कर खाई में गिरने से एक जूनियर कमीशंड अधिकारी (जेसीओ) सहित तीन सैनिकों की मौत हो गई। सेना ने बुधवार को यह जानकारी दी।
सेना के एक अधिकारी ने बताया कि जेसीओ और दो अन्य जवान मंगलवार को माछिल सेक्टर में नियमित गश्त पर थे, तभी तीनों फिसलकर खाई में गिर गए।
श्रीनगर स्थित चिनार कोर ने ट्वीट किया, “अग्रिम क्षेत्र में एक नियमित गश्त अभियान के दौरान एक जेसीओ और दो अन्य जवान बर्फ में फिसलकर गहरी खाई में गिर गए। तीनों बहादुरों के पार्थिव शरीर बरामद कर लिए गए हैं।”
रक्षा विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि यह घटना मंगलवार शाम को करीब साढ़े पांच बजे उस समय हुई, जब सैनिकों का दल एक संकरे रास्ते पर नियमित गश्त पर था।
प्रवक्ता ने कहा, “दल के अग्रिम चौकी की तरफ बढ़ने के दौरान ही संकरे रास्ते पर बिछी बर्फ की मोटी पर्त टूट गई, जिससे जेसीओ और दोनों सैनिक फिसलकर गहरी खाई में गिर गए।”
उन्होंने बताया कि नजदीकी चौकी पर तैनात जवानों ने तत्काल खोज एवं बचाव अभियान शुरू किया।
प्रवक्ता के मुताबिक, “प्रतिकूल मौसम परिस्थितियों और दुर्गम रास्तों के बावजूद बचाव दल की ओर से लगातार चलाए गए खोज अभियान के दौरान बुधवार तड़के सवा चार से पौने पांच बजे के बीच तीन बहादुरों के पार्थिव शरीर बरामद कर लिए गए।”
उन्होंने बताया कि हादसे में मारे गए जवानों की पहचान नायब सूबेदार पुरुषोत्तम कुमार, हवलदार अमरीक सिंह और सिपाही अमित शर्मा के रूप में हुई है।
जम्मू-कश्मीर के बिश्नाह इलाके के रहने वाले कुमार (43) 1996 में सेना में भर्ती हुए थे। उनके परिवार में उनकी पत्नी और दो बच्चे हैं।
वहीं, 39 वर्षीय सिंह 2001 में सेना में शामिल हुए थे। वह हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के रहने वाले थे और उनके परिवार में पत्नी व एक बेटा हैं।
इसी तरह, शर्मा (23) हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले के निवासी थे और वह 2019 में सेना से जुड़े थे। उनके परिवार में उनकी मां हैं।
प्रवक्ता ने कहा, “तीनों बहादुरों के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक स्थान पर ले जाया जाएगा, जहां पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।”
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