कल्याणम करोति संस्थान द्वारा नेत्रदान पखवाड़े पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन
मथुरा। (आरएनआई) मसानी-दिल्ली मार्गसरस्वती कुंड क्षेत्र स्थित कल्याण धाम के प्रांगण में कल्याणम् करोति संस्थान द्वारा संचालित चौधरी अंगूरी देवी दाऊदयाल नेत्र चिकित्सा केंद्र एवं नेत्र बैंक द्वारा नेत्रदान पखवाड़े के अंतर्गत जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।जिसका शुभारंभ डॉक्टर सिद्धार्थ नाकरा, नेत्र रोग विशेषज्ञ एवं कॉर्निया सर्जन, डॉक्टर मनिका गोयल, श्रीमती श्रीमती बृजेश शर्मा एवं श्रीजी बाबा चिकित्सा संस्थान के महाप्रबंधक राजीव मिश्रा के द्वारा संयुक्त रूप से भगवान श्रीगणेश के समक्ष दीप-प्रज्वलन व माल्यार्पण के साथ किया गया।
इस अवसर पर नेत्रदान के महत्व को समझाते हुए वरिष्ठ पुतली रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सिद्धार्थ नाकरा ने बताया कि नेत्रदान के द्वारा समाज में फैली अंधता को दूर किया जा सकता है।नेत्रदान किसी भी आयु का व्यक्ति कर सकता है। इसके लिए सिर्फ मनुष्य की कॉर्निया (पुतली )को ही मृत्यु के 6 घंटे के अंदर निकाला जाता है।
डॉक्टर मनिका गोयल ने बताया कि वर्तमान में 70 कॉर्निया की जरूरत पड़ने पर जरुरत को पूरा करने के लिए केवल एक कार्निया ही उपलब्ध हो पा रही है।अतः समाज में विशेष जागरूकता की आवश्यकता है।
कल्याणम करोति व्यावसायिक शिक्षण प्रशिक्षण संस्था की निर्देशिका श्रीमती बृजेश शर्मा ने समाज के प्रत्येक व्यक्ति को इस पुण्य कार्य में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने का आह्वान किया। ताकि समाज से अंधता निवारण किया जा सके।
श्रीजी बाबा चिकित्सा संस्थान के महाप्रबंधक राजीव मिश्रा ने बताया कि संस्था के सचल वाहन के माध्यम से आसपास के जिलों तथा मथुरा में कुल 46 स्थान पर जाकर नेत्र परीक्षण किया जा रहा है।पखवाड़े के दौरान रोजाना कैंप लगाकर विजन सेंटरों पर निशुल्क नेत्र जांच कर दवाई तथा चश्मे वितरित किए गए।साथ ही 200 से अधिक मोतियाबिंद से पीड़ित मरीजों के ऑपरेशन सफलता पूर्वक किए गए।
अनुकूल शर्मा ने बताया कि एक व्यक्ति के द्वारा नेत्रदान किए जाने पर चार लोगों को नेत्र ज्योति प्रदान की जा सकती है।अतः अधिक से अधिक संख्या में सभी को आगे आकर सहयोग करना चाहिए, मृत्यु के पश्चात अपने नेत्र को जीवित रखने का यही एकमात्र उपाय है।
कार्यक्रम के दौरान जागरूकता का सन्देश देने हेतु ऑप्टोमेट्री के प्रशिक्षणार्थियों द्वारा नाटकीय प्रस्तुति की गयी।जिसमें आरपी प्रजापति, अभिराम कुशवाहा, बी.के. शुक्ला, प्रगति शर्मा, आरके वर्मा आदि की उपस्थिति विशेष रही।संचालन सुश्री मंजरी गुप्ता द्वारा किया गया।
(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)
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