कल्पवृक्ष है श्रीमद्भागवत महापुराण : स्वामी श्रवणानंद सरस्वती महाराज
वृन्दावन, (आरएनआई) मोतीझील स्थित आनंद वृन्दावन (अखंडानंद आश्रम) में आनंद वृन्दावन चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में चल रहे आश्रम के संस्थापक स्वामी अखंडानंद सरस्वती महाराज के 36 वें अष्ट दिवसीय आराधन महोत्सव में सभी भक्तों-श्रृद्धालुओं को श्रीमद्भागवत कथा श्रवण कराते हुए महंत स्वामी श्रवणानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित श्रीमद्भागवत महापुराण की कथा कल्पवृक्ष के समान सभी मनोरथों को पूर्ण करने वाली है।इसकी कथा श्रवण करने से संसार के सभी तापों का नाश हो जाता है।साथ ही जीव को प्रभु की दुर्लभ भक्ति सहज ही में प्राप्त हो जाती है।
इस अवसर पर स्वामी डॉ. गोविंदानंद सरस्वती महाराज, संत महेशानंद सरस्वती महाराज, संत गोविंदानंद तीर्थ महाराज, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, पण्डित बिहारीलाल वशिष्ठ, आचार्य नेत्रपाल शास्त्री, विद्याधर तिवारी, स्वामी आनन्दानंद महाराज, स्वामी संतोषानंद महराज, सेवानंद ब्रह्मचारी, स्वामी कैलाशानंद महराज, स्वामी सुरेशानंद महराज, स्वामी चेतनानंद महाराज, आचार्य मनोज शुक्ला, ट्रस्टी कमल मित्तल (पंजाब), डॉ. राधाकांत शर्मा, रामवतार व रवि आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
आश्रम के पुस्तकलयाध्यक्ष संत सेवानंद ब्रह्मचारी ने बताया कि 11 दिसम्बर को प्रातः 6 बजे पूज्य स्वामी अखंडानंद सरस्वती महाराज की चरण पादुकाओं का पूजन-अर्चन संतों-भक्तों व श्रृद्धालुओं के द्वारा किया जाएगा।तत्पश्चात 8 से 11:30 बजे तक संत-विद्वत संगोष्ठी का आयोजन होगा। जिसमें कई प्रख्यात संत-विद्वान एवं धर्माचार्य भाग लेंगे।
(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)
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