कलेक्टर द्वारा जिले के निजी अस्पताल के संचालकों/प्रतिनिधियों के साथ सुरक्षा उपायों को लेकर की गई बैठक
अस्पताल में मरीज के भर्ती के दौरान उनके परिजन/ रिश्तेदारों के प्रवेश के लिए किये जाएं पास जारी अस्पताल परिसर में पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था एवं सीसीटीव्ही कैमरों से की जाये निगरानी।
गुना (आरएनआई) कलेक्टर डॉ. सतेन्द्र सिंह द्वारा सुरक्षा स्थितियों एवं संगठनात्मक उपायों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करने के लिए निजी अस्पताल के संचालकों एवं प्रतिनिधियों के साथ बैठक आयोजित की गई। बैठक के दौरान अपर कलेक्टर अखिलेश जैन, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजकुमार ऋषिश्वर सहित निजी अस्पतालों के संचालक एवं प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
अस्पताल में मरीज के भर्ती के दौरान उनके परिजन/ रिश्तेदारों के प्रवेश के लिए किये जाएं पास जारी
मध्यप्रदेश शासन लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा जारी पत्र अनुसार माननीय न्यायालय के निर्देशों के अनुक्रम में स्वास्थ्य संस्थाओं में कार्यरत चिकित्साकर्मियों के लिए सुरक्षित कार्य वातावरण सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा विभिन्न उपाय लागू किये गये हैं, जिसके तहत चिकित्सकों को प्राप्त कानून संरक्षण का प्रमुख स्थानों पर प्रदर्शन के संबंध में कलेक्टर द्वारा सभी अस्पताल संचालकों को अवगत कराया गया, इस संबंध में कलेक्टर द्वारा निर्देश दिये गये कि अपने अस्पताल में एक डिस्पले बोर्ड लगाया जावे, जिस पर चिकित्साकर्मियों की सुरक्षा के लिए बने राज्य कानून एवं भारतीय न्याय संहिता से संबंधित विभिन्न धाराओं एवं उल्लंघन के दण्ड का प्रावधान आदि का उल्लेख हो। इसी प्रकार सुरक्षा एवं हिंसा की रोकथाम के लिए अस्पताल सुरक्षा समिति और हिंसा रोकथाम समिति का गठन किया जावे। संस्थान में प्रवेश, नियंत्रण से संबंधित निर्देशित किया गया कि मरीज के भर्ती होने के दौरान उनके परिजन, रिश्तेदारों के पास जारी किये जावें एवं प्रवेश पर सख्ती से नियंत्रण किया जावे और उनके परिजनों की गतिविधि की निगरानी की जावे।
इसी प्रकार अपने स्टॉफ के लिए निर्धारित ड्रेस कोड लागू किया जावे और उनके पहचान पत्र जारी किये जावें। चिकित्साकर्मियों की सुरक्षा के लिए स्वास्थ्य संस्थाओं में आवागमन की समुचित व्यवस्था की जावे विशेष रूप से रात्रि ड्यूटी के दौरान सावधानी बरती जावे। परिसर में पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था की जावे।
अस्पताल परिसर में पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था एवं सीसीटीव्ही कैमरों से की जाये निगरानी
अस्पताल परिसर में सीसीटीव्ही कैमरे पर्याप्त संख्या लगाये जावें तथा उनके कव्हरेज की गहन समीक्षा की जावे और निगरानी प्रणाली को अपग्रेड किया जावे। सीसीटीव्ही कैमरों की समय-समय पर पिछली रिकॉर्डिंग भी देखी जावे। अस्पताल में जो स्टॉफ कार्यरत है उसका पुलिस बेरिफिकेशन अनिवार्य रूप से कराया जावे। आपको स्टॉफ यदि कोई समस्या या शिकायत लेकर आये तो उसे गंभीरता से लेकर निराकरण किया जावे।
स्थानीय पुलिस के साथ भी समन्वय किया जावे और अपने अस्पताल परिसर में महत्वपूर्णं टेलीफोन नंबर डिस्पले किये जावें। इसी प्रकार यौन उत्पीड़न से संबंधित घटनाओं के लिए आंतरित समिति गठित की जावे। इसी प्रकार अपने अस्पताल में साफ-सफाई व्यवस्था सतत की जावे और विशेष रूप से महिला स्टॉफ/ महिला सुरक्षा को लेकर संवेदनशील रहें। स्वास्थ्य संस्थाओं में 24X7 नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जावे, ताकि सुरक्षा व्यवस्था की गतिविधियों पर समन्वय एवं निगरानी की जाके और किसी भी घटना पर तुरंत प्रक्रिया की जा सके।
बैठक के अंत में कलेक्टर द्वारा निजी अस्पतालों के संचालक/ प्रतिनिधियों से सुझाव लिये गये, इस दौरान उन्होंने अवगत कराया कि संरक्षण अधिनियम का प्रभावी ढंग से क्रियान्वयन की कार्यवाही के लिए पुलिस से सहयोग अपेक्षित है। महत्वूपर्ण त्यौहारों के समय एवं झांकियों के समय लाउड स्पीकर अस्पताल के नजदीक लगाने की अनुमति नही दी जाये। डीजे साउंड पर भी नियंत्रण किया जावे। सचिन हॉस्पिटल से लेकर सत्यम होटल के बीच आम रास्ते पर अतिक्रमण हटाने के संबंध में भी सुझाव प्राप्त हुए, इन पर कलेक्टर द्वारा कार्यवाही करने का आश्वासन दिया गया।
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