कलेक्टर नर्मदापुरम के खिलाफ़ कार्रवाई करें मुख्य सचिव, मध्यप्रदेश हाइकोर्ट ने दिया आदेश
जबलपुर (आरएनआई) मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने नर्मदापुरम कलेक्टर सोनिया मीणा पर नाराजगी जताई है। भूमि विवाद से जुड़े मामले में हाइकोर्ट जज को सीधे पत्र लिखना दुस्साहस पूर्ण क़दम बताया है। साथ ही सीएस को कार्रवाई करने और अगस्त तक रिपोर्ट सौंपने का आदेश भी जारी किया है। दरअसल, कलेक्टर को कोर्ट में सुनवाई के दौरान पेश होने का आदेश जारी किया गया था। लेकिन उन्होनें जज को एडीएम के हाथों चिट्ठी लिखकर जवाब दिया है।
हाई कोर्ट ने जारी किया ट्रेनिंग पर भेजने का आदेश
हाईकोर्ट ने एडिशनल कलेक्टर नर्मदापुरम देवेंद्र कुमार सिंह और राकेश खजूरिया तहसीलदार सिवनी मालवा जिला नर्मदापुरम को 6 माह की ट्रेनिंग पर भेजने का आदेश जारी किया है। जज ने कहा, “इनको सीखने की जरूरत है।”
क्या है मामला?
नर्मदापुरम निवासी नितिन अग्रवाल और प्रदीप अग्रवाल के बीच हो रहे जमीनी विवाद को लेकर प्रदीप अग्रवाल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जज जीएस अलहूवालिया ने नामांकरण प्रक्रिया को नए सिरे आरंभ करने का आदेश दिया था। लेकिन सिवनी मालवा तसिलदार ने नामांकरण की कार्यवाही के बजाय नितिन अग्रवाल से बंटवारे का आवेदन रिकॉर्ड में लेकर प्रक्रिया शुरू कर दी है। मामला दोबारा हाईकोर्ट पहुंचा। इस मामले में शुक्रवार को कोर्ट ने जिला कलेक्टर को शुक्रवार को कोर्ट में हाजिर होकर पूरी कार्यवाही को समझाने का आदेश जारी किया है। लेकिन पंचमढ़ी में नागद्वार यात्रा और 1 अगस्त को आयोजित होने वाले मेले की तैयारियों में वयस्थ हैं। इसलिए उन्होनें एडीएम के जरिए जज को पत्र भेजा है।
पिछली सुनवाई में भी कोर्ट ने लगाई थी फटकार
नर्मदापुरम कलेक्टर और एडीएम को हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई में फटकार लगाई थी। जस्टिस जीएस अलहूवालिया ने कहा था, “कोई भी अधिकारी सरकारी वकील के जरिए जवाब दे सकता है। लेकिन जज को ऐसे पत्र नहीं भेज सकता है।” उन्होनें यह भी कहा था कि, “सीधा सीधे सस्पेंड करने का निर्देश देता हूँ। फिर देखते हैं चीफ सेक्रेटरी कैसे उन्हें हटाते हैं। आप लोगों के अफसरों की हिम्मत इतनी बढ़ गई है कि आपको कुछ समझ नहीं आता एडीएम समझते हैं यदि हाईकोर्ट जज को कलेक्टर ने पत्र लिखा है तो सब कुछ हो गया।”
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