कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खरगे बोले- मेरे खिलाफ अभियान चला रही भाजपा, नहीं हैं सबूत
कर्नाटक में एक ठेकेदार का मामला तूल पकड़ रहा है। भारतीय जनता पार्टी ने आत्महत्या के मामले को मंत्री प्रियांक खरगे से जोड़ते हुए पोस्ट लगाए हैं। खरगे ने इन आरोपों को खारिज करते हुए पलटवार किया है।
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कलबुर्गी (आरएनआई) कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खरगे ने मंगलवार को कहा कि भाजपा एक ठेकेदार सचिन पंचाल की आत्महत्या के मामले में उनके खिलाफ अभियान चला रही है। उन्होंने कहा कि इन अभियानों में सबूतों की कमी है। प्रियांक की ओर से यह बयान तब सामने आया, जब भाजपा ने उनके खिलाफ कलबुर्गी जिले में पोस्टर लगाए। इन पोस्टरों में ठेकेदार की आत्महत्या को प्रियांक से जोड़ा गया है।
ठेकेदार सचिन पंचाल ने 26 दिसंबर को बीदर जिले में चलती ट्रेन से आत्महत्या की थी। उन्होंने आत्महत्मा से पहले लिखा एक सुसाइट नोट छोड़ा था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि राजू कापानुर ने उनसे एक करोड़ रुपये की मांग की थी। हालांकि, कापानुर ने इस आरोप को खारिज किया।
भाजपा का आरोप है कि कापानुर ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री प्रिंयाक खरगे के करीबी सहयोगी थे। प्रियांक ने पंचाल को यह पैसे देने के लिए दबाव डाला। पंचाल ने यह भी आरोप लगाया था कि कापानुर ने कलबुर्गी के भाजपा विधायक बसवराज मुत्तिमुद, भाजपा के दो अन्य शीर्ष नेताओं और एक लिंगायत संत को मारने के लिए एक 'हिटमैन' (भाड़े पर हत्यारा) को नियुक्त किया था।
खरगे ने बेंगलुरु में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, भाजपा चाहें तो पोस्टर लगाकर आरोप साबित करें, लेकिन केवल पोस्टर लगाने से कुछ नहीं होगा। उन्होंने आगे कहा, जब भाजपा सत्ता में थी, तब कांग्रेस ने 'पेसीएम' पोस्टर अभियान चलाया था, क्योंकि हमारे पास सबूत थे कि भाजपा चालीस फीसदी घूस (कमीशन) ले रही थी। लेकिन इस मामले में मेरे खिलाफ उनके पास कोई सबूत नहीं है।
भाजपा ने इस मुद्दे को लेकर चार जनवरी आंदोलन की योजना बनाई है। इसको लेकर प्रियांक ने कहा, जब भाजपा मेरे पिता और कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे के घर का घेराव करने आएगी, तो मैं उनका स्वागत करूंगा। प्रियांक ने कहा कि भाजपा उन्हें इसलिए निशाना बना रही है, क्योंकि भाजपा की विचारधारा मनुवादी (मनुस्मृति पर आधारित विचारधारा) है, जबकि वह 12वीं सदी के समाज सुधारक बसवेश्वर और बाबा साहेब आंबेडकर के विचारों में भरोसा रखते हैं।
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