कर्नाटक कांग्रेस की बैठक में हाई-वोल्टेज ड्रामा, पार्टी भवन निर्माण को लेकर नेताओं में हुई तीखी बहस
कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला बेलगावी में 'जय बापू, जय भीम, जय संविधान' कार्यक्रम की तैयारियों के लिए पहुंचे थे। उन्होंने कांग्रेस सदस्यों से कार्यक्रम को सफल बनाने का आग्रह किया, लेकिन चर्चा इसी दौरान कांग्रेस भवन के लिए मंत्रियों और विधायकों द्वारा अपर्याप्त योगदान की कमी पर चली गई और नेताओं में तीखी बहस हुई।
बेलगावी (आरएनआई) राष्ट्रीय महासचिव और राज्य प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला के नेतृत्व में शुक्रवार को कर्नाटक कांग्रेस की बैठक हुई। बैठक के दौरान हाई-वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला। बेलगावी में पार्टी भवन के निर्माण को लेकर कांग्रेस नेताओं में तीखी बहस हुई।
राज्य के लोक निर्माण मंत्री सतीश जरकीहोली के अलावा, अन्य पार्टी नेताओं ने कांग्रेस भवन के निर्माण में योगदान नहीं दिया, जिस पर नेताओं ने असंतोष जताया। सिर्फ जरकीहोली ने 1 करोड़ रुपये का योगदान दिया था।
सुरजेवाला बेलगावी में 'जय बापू, जय भीम, जय संविधान' कार्यक्रम की तैयारियों के लिए पहुंचे थे। यह कार्यक्रम 1924 में महात्मा गांधी की अध्यक्षता में आयोजित कांग्रेस अधिवेशन की शताब्दी के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। पहले यह कार्यक्रम 26 और 27 दिसंबर को होना था, लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन के कारण इसे रद्द कर दिया गया था। अब यह कार्यक्रम बेलगावी में 21 जनवरी को आयोजित होगा।
बैठक में सुरजेवाला ने सदस्यों से कार्यक्रम को सफल बनाने का आग्रह किया, लेकिन चर्चा इसी दौरान कांग्रेस भवन के लिए मंत्रियों और विधायकों द्वारा अपर्याप्त योगदान की कमी पर चली गई।
यह मुद्दा पहले 13 जनवरी को बंगलूरू में हुई कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक में भी उठा था। इस बैठक में, राज्य कांग्रेस अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने पूरे कर्नाटक में 100 कांग्रेस भवन बनाने का प्रस्ताव रखा था और मंत्री-विधायकों से योगदान देने की अपील की। जरकीहोली ने बैठक में बेलगावी के नेताओं से योगदान की कमी की चिंता जताई। सूत्रों के अनुसार, महिला और बाल विकास मंत्री लक्ष्मी हेब्बालकर ने परोक्ष रूप से इसकी आलोचना की, जो बेलगावी से ही हैं।
उसी बैठक में, मंत्री-विधायकों को निर्देश दिया गया कि वे मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को बदलने या नए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति पर चर्चा न करें। शिवकुमार 2020 से प्रदेश अध्यक्ष के पद पर कार्यरत हैं और डिप्टी सीएम का पद भी संभाल रहे हैं।
इसके दो दिन बाद, जरकीहोली ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें पूर्णकालिक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति की मांग की। इस दौरान उन्होंने कहा कि मंत्री अपने विभागों का प्रबंधन करते हुए पार्टी की जिम्मेदारियों पर ध्यान नहीं दे पा रहे हैं।
ऐसी अटकलें थीं कि जरकीहोली को पार्टी के निर्देशों का उल्लंघन करने के लिए नोटिस दिया गया था। सुरजेवाला ने शुक्रवार को इन दावों को खारिज करते हुए इन्हें भाजपा द्वारा फैलाई गई अफवाह बताया।
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