कम नहीं हो रहीं इमरान खान की मुश्किलें, अदालत ने सात नए मामलों में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा
पाकिस्तान की एक आतंकवाद रोधी अदालत (एटीसी) ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को सात नए मामलों में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
इस्लामाबाद (आरएनआई) पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। सोमवार को एक आतंकवाद रोधी अदालत (एटीसी) ने उन्हें पीटीआई के हालिया विरोध प्रदर्शनों से जुड़े सात नए मामलों में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। खान बीते एक साल से ज्यादा समय से रावलपिंडी की उच्च सुरक्षा वाली अदियाला जेल में बंद हैं।
पीटीआई पार्टी के 28 सितंबर को रावलपिंडी में किए गए विरोध प्रदर्शन से जुड़े एक अलग मामले में इमरान खान की छह दिन की पुलिस हिरासत समाप्त हो चुकी थी। इसलिए उन्हें अदियाला जेल में एटीसी जज अमजद अली शाह से सामने पेश किया गया। जज अमजद अली शाह की अध्यक्षता में सुनवाई हुई, जिसमें उन्होंने खान को न्यायिक हिरासत में भेज दिया। यह हिरासत न्यू टाउन थाने के मामले के अलावा छह अन्य मामलों के लिए भी है।
पुलिस ने छह मामलों में शारीरिक हिरासत की मांग की थी। लेकिन अदालत ने इसे खारिज किया और पीटीआई संस्थापक को न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया। इमरान खान को उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के विरोध प्रदर्शनों से जुड़ छह मामलों में गिरफ्तार किया गया था। 28 सितंबर, 4 अक्तूबर और 5 अक्तूबर को उनके खिलाफ सात मामले दर्ज किए गए थे। खान के खिलाफ विभिन्न थानों में नए मुकदमे दर्ज किए गए हैं, क्योंकि उन्होंने पार्टी समर्थकों से विरोध प्रदर्शन करने की अपील की थी। यह विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गए थे।
खान की पार्टी ने 24 नवंबर को इस्लामाबाद के रेड जोन में डी-चौक पर धरना देने का आह्वान किया था, जहां संघीय सरार के अधिकांश महत्वपूर्ण भवन हैं। यह विरोध प्रदर्शन भी हिंसक हो गया था, जिसके कारण कुछ सुरक्षा कर्मियों और नागरिकों की जान चली गई।
इमरान खान ने 13 नवंबर को देशभर में विरोध प्रदर्शन की 'अंतिम अपील' (लास्ट कॉल) की थी, जिसमें पीटीआई के चुनावी जनादेश की बहाली, पार्टी के हिरासत में लिए गए सदस्यों की रिहाई और 26वें संशोधन को उलटने की मांग की गई थी। अभी उन्हें 24 नवंबर के प्रदर्शन से जुड़े 28 मामलों में से किसी में गिरफ्तार नहीं किया गया है। इमरान खान को पिछले महीने तोशाखाना मामले में जमानत मिली थी। लेकिन रावलपिंडी पुलिस के न्यू टाउन थाने ने एक अन्य मामले में उन्हें गिरफ्तार कर लिया। अप्रैल 2022 में सरकार गिरने के बाद उनके खिलाफ दर्जनों मामले दर्ज किए गए हैं।
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