कथित बेटी की सच्चाई छिपाने को लेकर फिर मुश्किल में इमरान
याचिका में कहा गया कि 71 वर्षीय इमरान खान ने 2018 के चुनाव के दौरान अपने नामांकन में अपनी कथित बेटी टायरिन के बारे में जानकारी नहीं दी थी।
इस्लामाबाद (आरएनआई) पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। कथित बेटी के नाम को छिपाने के आरोप में खान को अयोग्य ठहराने वाली मांग को लेकर याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। पूर्व पीएम के खिलाफ 2018 के चुनाव में नामांकन के दौरान गलत जानकारी देने के आरोप में उनका नामांकन रद्द करने की मांग को लेकर इस्लामाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। हालांकि, हाईकोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया था। अब याचिकाकर्ता ने शीर्ष अदालत का रुख अपना है। बता दें, पूर्व पीएम इमरान खान के खिलाफ मोहम्मद साजिद नामक याचिकाकर्ता ने याचिका दायर की थी।
याचिका में कहा गया कि 71 वर्षीय इमरान खान ने 2018 के चुनाव के दौरान अपने नामांकन में अपनी कथित बेटी टायरिन के बारे में जानकारी नहीं दी थी। इमरान खान की पार्टी ने 2018 के चुनाव में जीत दर्ज की थी और उसके बाद इमरान खान ने अगस्त 2018 से लेकर अप्रैल 2022 तक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के रूप में काम किया था। याचिकाकर्ता का आरोप है कि इमरान खान ने अपने नामांकन में गलत जानकारी दी। इमरान ने अपने हलफनामे में सिर्फ अपने दो बेटों का जिक्र किया, लेकिन तीसरी संतान टायरिन का जिक्र नहीं किया।
सुप्रीम कोर्ट से पहले याचिकाकर्ता ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। यहां से उसे निराशा हाथ लगी। इस मामले पर सुनवाई कर रही इस्लामाबाद हाईकोर्ट की तीन जजों की पीठ को हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस आमेर फारुख ने भंग कर दिया था। बाद में नई पीठ ने याचिका पर सुनवाई कर उसे खारिज कर दिया था। न्यायमूर्ति तारिक महमूद जहांगीरी ने पिछले साल दिए गए दो न्यायाधीशों की राय पढ़ी और फैसला सुनाया कि मामला पहले ही खारिज किया जा चुका है।
याचिकाकर्ता मोहम्मद साजिद ने अपने वकील साद मुमताज हाशमी के माध्यम से शनिवार को सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर कर दलील दी कि इस्लामाबाद हाईकोर्ट की पीठ ने तीन में से दो न्यायाधीशों की सहमति वाली राय को अदालती फैसला मानने में गलती की है। उसका कहना है कि खान ने मियांवाली निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए नामांकन पत्र दाखिल करते समय अपनी बेटी के बारे में नहीं बताया था। केवल अपनी पत्नी बुशरा बीबी और विदेश में रहने वाले दो बेटों कासिम खान और सुलेमान खान के बारे में जानकारी दी थी।
इमरान खान पर साल 2022 में जानलेवा हमला हुआ था। उस मामले में पाकिस्तान की आतंक रोधी अदालत ने मंगलवार को तीन लोगों को दोषी ठहराया है। इमरान खान पर 2022 में लाहौर प्रांत में एक विरोध रैली के दौरान हमला हुआ था। इस हमले में इमरान खान के पैर में कथित तौर पर तीन गोलियां लगीं थी। दोषी ठहराए गए लोगों की पहचान नावीद मेहर, वकास और तैयब के रूप में हुई है। नावीद मेहर को मुख्य दोषी बताया गया है और मेहर ने ही इमरान खान पर गोलियां चलाईं थी। वहीं वकास और तैयब ने मेहर को हथियार मुहैया कराया था।
उस हमले में पीटीआई के कार्यकर्ता की मौत हो गई थी और इमरान खान समेत 14 अन्य लोग घायल हुए थे। मेहर को मौके पर ही पीटीआई समर्थकों ने पकड़ लिया था। मंगलवार को गुंजरावाला स्थित आतंक-रोधी अदालत ने तीनों को दोषी ठहराया। कोर्ट 25 मई को इस मामले में सजा सुनाएगा। इमरान खान ने इस हमले का आरोप आईएसआई के मेजर जनरल फैसल नसीर, शहबाज शरीफ और तत्कालीन आंतरिक मामलों के मंत्री राणा सनाउल्लाह पर लगाया था। इमरान खान ने मेजरल जनरल फैसल नसीर पर केन्या में पाकिस्तानी पत्रकार अरशद शरीफ की हत्या का भी आरोप लगाया था।
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