कछुए ने बनाया रिकॉर्ड: ओडिशा से 3500 किमी तैरकर रत्नागिरी पहुंचा, दिए 120 अंडे
ओडिशा के गहिरमाथा से टैग किया गया ऑलिव रिडले कछुआ 3,500 किलोमीटर तैरकर महाराष्ट्र के रत्नागिरी के गुहागर तट पर पहुंचा। इस दौरान उसने 120 अंडे दिए।

मुंबई (आरएनआई) ओडिशा से टैग किया गया ऑलिव रिडले कछुआ 3,500 किमी तैरकर महाराष्ट्र के रत्नागिरी पहुंचा और गुहागर समुद्र तट पर 120 अंडे दिए। पर्यावरणविद इस बात से बेहद खुश हैं कि ओलिव रिडले कछुए ने ओडिशा के गहिरमाथा समुद्री अभयारण्य से रत्नागिरी तक की यात्रा कर रिकॉर्ड बनाया है।
जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जेडएसआई) के वैज्ञानिकों ने इसे महत्वपूर्ण बताया और इस खोज ने इस सोच को बदल दिया है कि पूर्व और पश्चिम तट के कछुए अलग प्रजातियों के हैं। इससे पुराने शोध को नई चुनौती मिली है। महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के गुहागर समुद्र तट पर पाए गए कछुए को 2021 में ओडिशा के गहिरमाथा बीच पर 03233 नंबर से टैग किया गया था। उस समय जेडएसआई के वैज्ञानिकों ने 12,000 कछुए टैग किए थे। वैज्ञानिकों को उम्मीद थी कि कछुए श्रीलंका की ओर जाएंगे। लेकिन, मेटल टैग संख्या 03233 वाला कछुआ अरब सागर की ओर निकल पड़ा। वह सीधे रत्नागिरी के समुद्र किनारे पर आ पहुंचा। लेकिन इसका खुलासा अब हुआ है। कछुए को 31 जनवरी, 2025 को गुहागर में मैंग्रोव फाउंडेशन द्वारा तैनात कासव मित्र स्वयंसेवकों ने देखा। पवार ने बताया कि 107 कछुए के बच्चे को सुरक्षित समुद्र में छोड़ दिया गया।
नैटकनेक्ट फाउंडेशन के निदेशक बीएन कुमार ने कहा, यह बहुत दिलचस्प है कि कछुए ने इतनी लंबी दूरी तय की और अंडे दिए। सरीसृपों पर धातु से टैग लगाने से वैज्ञानिकों को केवल तारीख, टैग लगाने का स्थान और टैग लगाने वाले का पता चल पाता है। लेकिन, कछुए के रुकने के स्थान और तैराकी मार्ग के बारे में अभी भी रहस्य बना हुआ है।
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