ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुए से जुड़ा एप चलाने के मामले में पांच करोड़ की संपत्ति जब्त
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को कहा कि उसने कर्नाटक के बंगलूरू में अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुआ ऐप चलाने के आरोपी व्यक्तियों और कंपनियों के खिलाफ धनशोधन जांच के तहत पांच करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की है। इसके अलावे पश्चिम बंगाल और हैदराबाद में भी ईडी की कार्रवाई की गई है।
नई दिल्ली। (आरएनआई) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को कहा कि उसने अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुआ ऐप चलाने के आरोपी व्यक्तियों और कंपनियों के खिलाफ धनशोधन जांच के तहत पांच करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की है।
केंद्रीय एजेंसी की जांच बंगलूरू पुलिस की प्राथमिकी से उपजी है, जिसे शुरू में जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) द्वारा ऑनलाइन जुआ, सट्टेबाजी और संदिग्ध अवैध गतिविधियों में कंपनियों की भागीदारी का आरोप लगाते हुए दर्ज किया गया था।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक बयान में कहा कि धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत जारी अस्थायी आदेश के तहत कुर्क की गई बैंक जमाओं का कुल मूल्य 5.87 करोड़ रुपये है।एजेंसी ने कथित धोखाधड़ी वाले ऐप की पहचान बेस्टारटेक, खेलो24बेट और बेटिनएक्सचेंज के रूप में की है।
जांच में पाया गया कि आरोपी श्यामला एन और उमर फारूक ने अन्य व्यक्तियों के दस्तावेजों का उपयोग करके कई कंपनियों को पंजीकृत किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि कंपनियों के एचआर (मानव संसाधन) प्रबंधक ने "अवैध रूप से" कई सिम कार्ड खरीदे और उन्हें ऑनलाइन लेनदेन के लिए बैंक खातों से जोड़ा।
इंडी वर्ल्ड स्टूडियो, फाल्कन एंटरटेनमेंट एजेंसीज, द नेक्स्ट लेवल टेक्नोलॉजी, रिफ्ट गेमर टेक्नोलॉजीज, रियलिटी कोड टेक्नोलॉजी, टेन्स सॉल्यूशंस, इलेक्ट्रॉनिक वर्चुअल सॉल्यूशंस, ज़ाजागो सिस्टम्स, जिंगा इंटरएक्टिव, व्हेल बाइट्स टेक्नोलॉजी, आईओबिटकोड इंटरएक्टिव एजेंसी, ओकुलस वाल्व एंटरटेनमेंट और नेस्ट्रा वेब सॉल्यूशंस जैसी समूह संस्थाओं को सट्टेबाजी और जुए के नाम पर जनता से धोखाधड़ी करके राशि एकत्र करने के इरादे से बनाया गया था।प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पोंजी स्कीम के जरिए निवेशकों को ठगने वाली पश्चिम बंगाल की एक कंपनी के दो निदेशकों को गिरफ्तार किया है। केंद्रीय एजेंसी ने एक बयान में कहा कि एमपीएस ग्रीनरी डेवलपर्स लिमिटेड के निदेशकों प्रबीर कुमार चंदा और प्रणब कुमार दास को 24 अगस्त को गिरफ्तार किया गया और कोलकाता में धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की एक विशेष अदालत ने उन्हें एक सितंबर तक ईडी की हिरासत में भेज दिया।
एमपीएस ग्रीनरी डेवलपर्स लिमिटेड ने 1999-2000 से 2013-2014 के दौरान विभिन्न 'फर्जी' आय योजनाओं के माध्यम से निवेशकों से लगभग 2,682 करोड़ रुपये जुटाए, जिसमें बैंकिंग नियामक आरबीआई और बाजार नियामक सेबी के मानदंडों का उल्लंघन करते हुए कृषि (Agro), बाग (Orchard) और सागौन (Teak) बॉन्ड जारी किए गए।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को कहा कि उसने कथित विदेशी मुद्रा उल्लंघन की जांच के तहत हैदराबाद के एक ऑडिटर के परिसरों से 12 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी और सोना जब्त किया है।
विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत 23 अगस्त को ब्राइटकॉम ग्रुप लिमिटेड के कार्यालय, इसके सीईओ एम सुरेश रेड्डी और सीएफओ एसएलएन राजू के आवासों और ऑडिटर पी मुरली मोहन राव के आवास और कार्यालय पर छापेमारी के बाद यह कार्रवाई की गई।
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