आगरा: ऐसे विश्वविद्यालयों की भी फर्जी डिग्रियां...जहां प्रवेश मिलना मुश्किल, पूछताछ में बड़ा खुलासा
फर्जी डिग्रियों को तैयार करने वाले मास्टमाइंड धनेश के गिरोह में 20 से ज्यादा कर्मचारी भी शामिल हैं। उससे कुछ ऐसे विश्वविद्यालय की डिग्रियां भी बरामद हुई हैं, जहां प्रवेश मिलना भी मुश्किल होता है।

आगरा (आरएनआई) फर्जी डिग्री और मार्कशीट तैयार करने वाले गिरोह के मास्टरमाइंड धनेश मिश्रा के गिरोह में विभिन्न कॉलेज और विश्वविद्यालयों के 20 से ज्यादा कर्मचारी हैं। पूछताछ में एसटीएफ को यह जानकारी मिली है। ज्यादातर ने मोबाइल बंद कर लिए हैं। विश्वविद्यालयों में जाकर टीम इनके नेटवर्क की तलाश करेगी।
एसटीएफ ने शुक्रवार को अजीत नगर में वेस्ट अर्जुन नगर के धनेश मिश्रा की दुकान और घर में छापा मारा था। यहां कई प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों की अंकतालिकाएं और फर्जी डिग्री मिली हैं। मंगलायतन विश्वविद्यालय, सुभारती विश्वविद्यालय सहित झारखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश तक के विश्वविद्यालयों की रिक्त अंकतालिकाएं मिली थीं।
एसटीएफ ने अब इन अंकतालिकाओं के आधार पर इन विश्वविद्यालयों में धनेश के साथ मिलकर काम करने वाले कर्मचारियों का ब्योरा जुटाना शुरू कर दिया है। एसटीएफ के विवेचक ने बताया कि धनेश के मोबाइल पर मिले विश्वविद्यालयों के कर्मचारियों के नंबरों पर संपर्क किया गया, लेकिन सभी ने अपने मोबाइल बंद कर लिए हैं। अब टीमें विश्वविद्यालयों में जाकर जांच पड़ताल करेंगी। इसके अलावा आरोपी धनेश के मोबाइल की डीसीआर भी निकलवाई जा रही है। इसके आधार पर जांच को आगे बढ़ाया जाएगा।
मास्टरमाइंड धनेश मिश्रा को एसटीएफ रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी। विवेचक ने बताया कि आरोपी धनेश ने पूछताछ में कई जानकारियां छिपाई हैं। उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी।
एसटीएफ को एक अभ्यर्थी की मार्कशीट मिली। इस अभ्यर्थी ने कॉलेज में प्रवेश के लिए जुलाई में आवेदन किया था। इसके कुछ ही माह बाद उसे मार्कशीट दे दी गई। इस तरह धनेश बैक डेट में भी मार्कशीट बनाकर दे रहा था। विवेचक का कहना है कि यह काम एक व्यक्ति नहीं कर सकता है। इस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही है।
जेएस विवि, शिकोहाबाद की 102 रिक्त अंकतालिकाएं, सिक्किम की डिस्टेंस लर्निंग यूनिवर्सिटी की 37, मानव भारती यूनिवर्सिटी, सोलन, एमपी के 4 रिक्त प्रमाणपत्र, मोहर व हस्ताक्षर सहित, यूनिवर्सिटी ऑफ राजस्थान के तीन माईग्रेशन सर्टिफिकेट, तीन अंकपत्र तिलकामाहजी भागलपुर विश्वविद्यालय, 21 अंकतालिका व प्रमाण पत्र राष्ट्रीय कंप्यूटर शिक्षा मिशन, नेशनल कंप्यूटर लिटरेसी प्रोग्राम, स्वामी विवेकानंद यूनिवर्सिटी का एक प्रमाण पत्र, चार प्रमाणपत्र ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, कामेश्वर नगर, दरभंगा, चार प्रमाणपत्र सीएमजे यूनिवर्सिटी, मेघालय, दो माईग्रेशन व प्रमाणपत्र वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल यूनिवर्सिटी, जौनपुर, छह प्रमाणपत्र इंदिरा गांधी ओपन यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली, तीन प्रमाणपत्र जोधपुर राष्ट्रीय विश्वविद्यालय, जोधपुर शामिल हैं।
एसटीएफ को यहां से स्वामी विवेकानंद सुभारती यूनिवर्सिटी, मेरठ के 525 विद्यार्थियों के कोर्सेज के अंकपत्र, प्रमाणपत्र, डिग्रियां मिले हैं। इन पर मुहर और हस्ताक्षर भी अंकित हैं। इसके अलावा मोनाड यूनिवर्सिटी, हापुड़, एसेक्ट यूनिवर्सिटी, हजीराबाद, झारखंड, ग्लोबल यूनिवर्सिटी, अरुणाचल की एपेक्स प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, तमिलनाडु के सेलम की विनायका मिशंस यूनिवर्सिटी सहित कई अन्य विवि और कॉलेज व शिक्षण संस्थानों के प्रपत्र भी मिले हैं। इनके आधार पर जांच की जा रही है। इसमें शिक्षाविदों का सहयोग लिया जाएगा।
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