एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन किस-किस नाम से लगी, कितने लोगों को लगा टीका, भारत में कितने डोज लगे?

एस्ट्राजेनेका ने कहा है कि वैश्विक स्तर पर इसके 300 करोड़ से अधिक डोज की आपूर्ति की गई है। भारत में भी एस्ट्राजेनेका के लाइसेंस वाली कोविशील्ड वैक्सीन ही कोरोना से बचाव के लिए दी गई थी। भारत में सबसे ज्यादा 174 करोड़ से ज्यादा टीके के डोज कोविशील्ड के लगे हैं।

May 8, 2024 - 19:00
 0  972
एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन किस-किस नाम से लगी, कितने लोगों को लगा टीका, भारत में कितने डोज लगे?

नई दिल्ली (आरएनआई) पिछले कुछ समय से टीके मुहैया कराने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका चर्चा में है। यह कंपनी तब चर्चा में आई जब एस्ट्राजेनेका ने दुर्लभ साइड इफेक्ट्स की बात कबूल की है। अब कंपनी ने बड़ा फैसला लिया है। उसने दुनियाभर से अपना कोरोना का टीका वापस मंगा लिया है। कंपनी ने कहा है कि वह दुनियाभर से अपनी वैक्सजेवरिया वैक्सीन को वापस मंगा रही है। एक बयान में एस्ट्राजेनेका ने कहा कि यह निर्णय इसलिए लिया गया क्योंकि अब विभिन्न प्रकार के नए टीके उपलब्ध हैं जिन्हें कोविड-19 वेरिएंट से सामना करने के लिए बनाया गया है। इससे एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की मांग में गिरावट आई थी, जिसका अब निर्माण या आपूर्ति नहीं की जा रही है।

भारत में भी एस्ट्राजेनेका के लाइसेंस वाली कोविशील्ड वैक्सीन ही कोरोना से बचाव के लिए दी गई थी। भारत में लगाई गई कोविशील्ड वैक्सीन भी उसी फार्मूले पर बनी है, जिस पर वैक्सजेवरिया वैक्सीन बनी है। हालांकि, अभी तक भारत में कोरोना वैक्सीन वापस लेने का कोई फैसला नहीं हुआ है। पिछले कुछ समय में एस्ट्राजेनेका कंपनी कोविड वैक्सीन पर सवाल उठे हैं। कंपनी कोविड वैक्सीन को लेकर दुनियाभर में कई मुकदमों का भी सामना कर रही है।

आइये जानते हैं कि एस्ट्राजेनेका क्या है?एस्ट्राजेनेका कंपनी की वैक्सीन किस-किस नाम से लगाई जा रही है? कहां कितने लोगों को लगा है टीका? भारत में कितने लोगों को लगाई गई? 

पहले जानते हैं कि एस्ट्राजेनेका क्या है?
जिस एस्ट्राजेनेका कंपनी की चर्चा इन दिनों पूरी दुनिया में है वह एक वैश्विक फार्मास्युटिकल कंपनी हैं। एस्ट्राजेनेका एक ब्रिटिश-स्वीडिश कंपनी है जिसका इतिहास 1913 से है। एस्ट्राजेनेका दवाओं की खोज, विकास और व्यावसायीकरण करती है। कैम्ब्रिज (यूके) में स्थित एस्ट्राजेनेका 100 से अधिक देशों में संचालित होती है। एस्ट्राजेनेका की वेबसाइट के अनुसार, दुनियाभर में लाखों रोगी इसकी नई दवाओं का उपयोग करते हैं। यह ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका COVID-19 वैक्सीन विकसित करने में शामिल रही है। 

एस्ट्राजेनेका कंपनी की वैक्सीन किस-किस नाम से लगाई जा रही है?
ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका कोविड‑19 वैक्सीन कोविशील्ड और वैक्सजेवरिया ब्रांड नामों के तहत बेची गई है। 30 दिसंबर, 2020 को एस्ट्राजेनेका की कोविड-19 वैक्सीन को सबसे पहले ब्रिटेन में आपातकालीन आपूर्ति के लिए मंजूरी दी गई थी। वहीं 2021 की शुरुआत में ब्रिटेन में टीकाकरण शुरू किया गया था। एस्ट्राजेनेका ने 2021 में अपने कोविड वैक्सीन का नाम बदलकर वैक्सजेवरिया कर दिया था। वैक्सीन को 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों में इस्तेमाल के लिए अधिकृत किया गया था। लगभग तीन महीने के अंतराल पर इसे दो इंजेक्शन के रूप में दिया जाता था। इसका उपयोग कुछ देशों द्वारा बूस्टर शॉट के रूप में भी किया गया था।

एक हालिया बयान में एस्ट्राजेनेका ने कहा है कि 2021 में 65 लाख से अधिक लोगों की जान बचाई गई। वैश्विक स्तर पर इसकी 300 करोड़ से अधिक खुराक की आपूर्ति की गई है। 

भारत में कितने लोगों को लगाई गई? 
एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन को भारत समेत कुछ अन्य देशों में कोविशील्ड के नाम से जाना जाता है। 2020 में आई कोरोना महामारी से निपटने के लिए यह टीका एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित किया गया था। भारत में एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन का निर्माण और वितरण सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने एक लाइसेंस के तहत किया था। 

7 मई, 2024 तक भारत में लोगों को टीके की 220 करोड़ से अधिक डोज दी जा चुकी हैं। देश में जो टीके दिए गए हैं उनमें कोविशील्ड, कोवैक्सिन, स्पुतनिक वी, जेमकोवैक, कॉर्बेवैक्स, कोवोवैक्स और इनकोवैक शामिल हैं। इनमें से सबसे ज्यादा 174 करोड़ से ज्यादा टीके के डोज कोविशील्ड के लगे हैं। दूसरे स्थान पर कोवैक्सिन है जिसके 36.39 करोड़ से ज्यादा टीके के डोज के लगे हैं। तीसरे स्थान पर कॉर्बेवैक्स है, जिसके 7.38 करोड़ से ज्यादा टीके के डोज के लगे हैं। 
 
एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन को लेकर अभी क्या हुआ है? 
एस्ट्राजेनेका ने अपना कोरोना का टीका वापस मंगा लिया है। कंपनी ने कहा है कि वह दुनियाभर से अपनी वैक्सजेवरिया वैक्सीन को वापस मंगा रही है। द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, एस्ट्राजेनेका ने दावा किया है कि वैक्सीन का अपडेट संस्करण उपलब्ध है, ऐसे में वैक्सीन के पुराने स्टॉक को वापस मंगाया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी ने 5 मार्च को ही वैक्सीन वैक्सजेरवरिया को वापस मंगाने का फैसला कर लिया था, लेकिन यह आदेश 7 मई से प्रभावी हुआ। एस्ट्राजेनेका का यह कदम ऐसे वक्त सामने आया है, जब कंपनी ने बीते दिनों ही स्वीकार किया है कि कुछ मामलों में कोविड वैक्सीन के साइड इफेक्ट सामने आए हैं और इसकी वजह से कुछ लोगों में थ्रंबोसिस थ्रंबोसाइटोपीनिया सिंड्रोम बीमारी के लक्षण देखे गए हैं, जिसमें लोगों में खून के थक्के जमने लग जाते हैं। 

Follow RNI News Channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6XB2

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

RNI News Reportage News International (RNI) is India's growing news website which is an digital platform to news, ideas and content based article. Destination where you can catch latest happenings from all over the globe Enhancing the strength of journalism independent and unbiased.