एमएलडीवी पब्लिक इण्टर कालेज में धूमधाम से मनायी गयी धनवन्तरी जयन्ती
हाथरस-10 नवम्बर। श्याम कुंज स्थित एमएलडीवी पब्लिक इण्टर कालेज में आयुर्वेद के देव पुरूष व भगवान विश्णु के अवतार धनवन्तरी का जन्म दिन धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर कालेज के डायरेक्टर स्वतंत्र कुमार गुप्त, प्रधानाचार्या पूनम वाष्र्णेय, छात्र-छात्राओं एवं शिक्षक/शिक्षकाओं द्वारा ईश्वर के स्वरूप धनवन्तरी के छवि चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये राज्य अध्यापक पुरस्कार से सम्मानित डीआरबी कालेज के पूर्व प्रधानाचार्य स्वतंत्र कुमार गुप्त ने बतलाया कि चिकित्सा क्षेत्र में आयुर्वेद प्राचीनतम पद्वति है, जो दीर्घकाल से रोगों से मुक्ति प्रदान कर प्रकृति द्वारा प्रदत्त जड़ी-बूटियों से मानव जीवन को स्थाई तौर पर स्वस्थ, दुरूस्त एवं मस्त बनाती है। वर्तमान में प्रदूषण के जहर ने मानव जीवन में विष घोल दिया है। आज वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, कीटनाषकों के अत्यधिक प्रयोग, फास्ट फूड एवं मन के प्रदूषण ने सम्पूर्ण जन-मानस को अस्वस्थ बना दिया है एवं नये-नये रोगों ने मानव जीवन को कमजोर कर व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित कर दिया है। उन्होंने छात्र-छात्राओं को उत्कृष्ट जीवन शैली, संतुलित खान-पान, व्यायाम, आयुश चिकित्सा के प्रति जागरूक रहने का आहृवान किया।
इस अवसर पर राम पाठक, रिद्धि शर्मा, कार्तिक, भूमिका, शौर्य, कार्तिकेय, आराध्या गुप्ता ने अपनी कविताओं एवं वक्तव्य द्वारा यह संकल्प लिया कि जीवन की बीमारियों के स्थाई समाधान के लिये वह प्रकृति प्रदत्त जड़ी बूटियों का ज्ञान प्राप्त करते हुये अपनी जीवन शैली को नये आयाम प्रदान करेंगे, जिससे उनका जीवन-उपवन महक सके। इस अवसर पर जीव-विज्ञान प्रवक्ता ललिता पाठक के निर्देशन में छात्र-छात्राओं ने विद्यालय में लगे हुये औषधीय वृक्ष एवं जड़ी-बूटियों उनके उपयोग एवं उनका ज्ञान प्राप्त कराया गया, जिसमें पिया बांस, एलोबेरा, गुडहल, शमी, जहरमुआ, सताबर, आंवला, नीम, रामा एवं श्यामा तुलसी एवं पौधों की गुणवत्ता पर प्रकाश डालते हुये छात्र-छात्राओं से अपने घरों पर कम से कम पाँच पौधे लगाने की बात कही तथा चिन्ताओं से घिरे हुये जीवन में प्रकृति के निकट रहकर अपने जीवन उपवन को सवाँरने का आहृवान किया गया।
कार्यक्रम को सफल बानने में आरके शर्मा, उप-प्रधानाचार्या शाज़िया रफीक खान, काजोल वाष्र्णेय, प्रियंका वाष्र्णेय, कृष्णकान्त शास्त्री, सारिका सोनी, निधी अरोरा, निधी शर्मा, मोहिता गुप्ता, सन्दीप सिंह, अंकित वाष्र्णेय, कमल शर्मा, हिमांशु वाष्र्णेय, जितेन्द्र कुमार, प्रियंका सिंह, जीतू अरोरा, पुनीत गुप्ता, पुनीत वाष्र्णेय, राजेन्द्र प्रसाद, श्याम सिंह आदि का सहयोग रहा। अंत में संस्था के डायरेक्टर स्वतंत्र कुमार गुप्त ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।
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