एफसीआरए उल्लंघन मामले में हर्ष मंदर के घर और दफ्तर पर छापे
केंद्रीय जांच ब्यूरो विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम के कथित उल्लंघन से संबंधित एक नए मामले में छापेमारी की कार्रवाई कर रहा है। एजेंसी ने अपनी प्रारंभिक जांच के तहत मामले से जुड़े कई लोगों से पूछताछ की है।
नई दिल्ली (आरएनआई) सीबीआई ने एफसीआरए उल्लंघन मामले में आईएएस से सामाजिक कार्यकर्ता बने हर्ष मंदर के आवास और कार्यालय पर छापा मारा है। केंद्रीय जांच ब्यूरो विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम के कथित उल्लंघन से संबंधित एक नए मामले में यह कार्रवाई कर रहा है। एजेंसी ने अपनी प्रारंभिक जांच के तहत मामले से जुड़े कई लोगोंं से पूछताछ की है।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यरो ने लेखक और मानवाधिकार कार्यकर्ता हर्ष मंदर द्वारा स्थापित एक गैर सरकारी संगठन एनजीओ के खिलाफ विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम एफसीआरए के कथित उल्लंघन का मामला दर्ज किया है।
मंदर पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबन्धन सरकार के दौरान सोनिया गांधी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के पूर्व सदस्य थे और वह एनजीओ ‘अमन बिरादरी’ के संस्थापक हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय की शिकायत के बाद अमन बिरादरी पर विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के कथित उल्लंघन को लेकर प्राथमिकी दर्ज की गई है।
एफसीआरए की धारा 3 के तहत पंजीकृत समाचार पत्र के संवाददाताओं, स्तंभकारों, कार्टूनिस्टों, संपादकों, मालिक, मुद्रक, प्रकाशक द्वारा विदेशी योगदान को स्वीकार करने पर प्रतिबंध है लेकिन मंदर अखबारों और वेब पोर्टलों में कॉलम और लेख लिखते रहे हैं।
अमन बिरादरी गैर-एफसीआरए संगठन है। सीईएस ने गैर-एफसीआरए संगठनों को विदेशी योगदान के हस्तांतरण के लिए माध्यम के रूप में काम किया है। अधिकारियों के अनुसार दिल्ली के एक रिसर्च ग्रुप और 'कारवां-ए-मोहब्बत' के सहयोग से सेंटर फॉर इक्विटी स्टडीज की एक रिपोर्ट जून 2020 में सीईएस द्वारा प्रकाशित की गई थी। कारवां-ए मोहब्बत गैर-एफसीआरए एसोसिएशन अमन बिरादरी ट्रस्ट (एबीटी) के तहत चलाया गया एक अभियान है, जो सेंटर ऑफ इक्विटी स्टडीज और हर्ष मंदर से निकटता से जुड़ा हुआ है।
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