एफबीआई निदेशक काश पटेल ने की पहलगाम हमले की निंदा, कहा- भारत सरकार को अमेरिका का पूरा समर्थन
एफबीआई निदेशक काश पटेल ने कहा कि एफबीआई कश्मीर में हाल ही में हुए आतंकी हमले के सभी पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त करता है। एफबीआई भारत सरकार को अपना पूरा समर्थन देना जारी रखेगा। पहलगाम हमला आतंकवाद की बुराइयों से हमारी दुनिया के सामने आने वाले लगातार खतरों की याद दिलाता है।

वॉशिंगटन (आरएनआई) एफबीआई निदेशक काश पटेल ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की है। उन्होंने कहा कि हम सभी पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं। भारत सरकार को अमेरिका का पूर्ण समर्थन है। पहलगाम हमला विश्व को आतंकवाद के खतरों की याद दिलाता है।
एक्स पर एक पोस्ट में काश पटेल ने कहा कि एफबीआई कश्मीर में हाल ही में हुए आतंकी हमले के सभी पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त करता है। एफबीआई भारत सरकार को अपना पूरा समर्थन देना जारी रखेगा। पहलगाम हमला आतंकवाद की बुराइयों से हमारी दुनिया के सामने आने वाले लगातार खतरों की याद दिलाता है। प्रभावित लोगों के लिए प्रार्थना करें। कानून प्रवर्तन के उन पुरुषों और महिलाओं को धन्यवाद जो ऐसे क्षणों में कॉल का जवाब देते हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की और आतंकी हमले में मारे गए लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। ट्रंप ने हमले की निंदा की थी और इस हमले के दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए भारत के प्रति पूरा समर्थन व्यक्त किया था। इससे पहले अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन करके आतंकी हमले की कड़ी निंदा की थी।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम शहर के निकट ‘मिनी स्विटरलैंड’ नाम से मशहूर पर्यटन स्थल पर मंगलवार दोपहर हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई, जिनमें ज्यादातर पर्यटक हैं। यह 2019 में पुलवामा में हुए हमले के बाद घाटी में हुआ सबसे घातक हमला है। एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने बताया कि 26 मृतकों में दो विदेशी और दो स्थानीय निवासी हैं। हथियारबंद आतंकवादी 'मिनी स्विट्जरलैंड' में घुस आए और भोजनालयों के आसपास घूम रहे, खच्चर की सवारी कर रहे, पिकनिक मना रहे पर्यटकों पर गोलीबारी शुरू कर दी। पाकिस्तान में स्थित प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के छद्म संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) ने हमले की जिम्मेदारी ली है।
पहलगाम हमले के एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार शाम को नई दिल्ली में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक हुई और महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। 1960 की सिंधु जल संधि पर रोक लगाने, अटारी में एकीकृत जांच चौकी को तत्काल प्रभाव से बंद करने का भी फैसला किया। यह घोषणा की गई कि दक्षेस वीजा छूट योजना (एसवीईएस) के तहत पाकिस्तानी नागरिकों को भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी और पाकिस्तानी नागरिकों को अतीत में जारी किए गए ऐसे किसी भी वीजा को रद्द माना जाएगा।
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