एनसीआर में ईवी, सीएनजी व बीएस-6 डीजल बसें ही चलेंगी
दिल्ली में हवा की स्वच्छता पर नजर रखने वाले केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने शुक्रवार को यह घोषणा की।
नई दिल्ली, (आरएनआई) दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में आने वाले हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के शहरों में एक नवंबर से सिर्फ इलेक्ट्रिक (ईवी), सीएनजी और बीएस-6 डीजल बसों को ही संचालित करने की अनुमति दी जाएगी। दिल्ली में हवा की स्वच्छता पर नजर रखने वाले केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने शुक्रवार को यह घोषणा की।
पर्यावरण मंत्रालय के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में कुशल व स्वच्छ सार्वजनिक परिवहन सेवाओं को मजबूत करने के उद्देश्य से सीएक्यूएम ने इससे जुड़े राज्यों की सरकारों को सख्त कार्यान्वयन के लिए निर्देश दिए हैं।
उत्तर प्रदेश के आठ एनसीआर जिलों में एक अप्रैल, 2024 से सिर्फ यही बसें संचालित होंगी
राजस्थान के गैर-एनसीआर क्षेत्रों से दिल्ली-एनसीआर के लिए एक जनवरी से नए निर्देश लागू होंगे
अन्य राज्यों से दिल्ली एनसीआर के लिए चलने वाली बसों पर भी एक जुलाई, 2024 से यही मानक लागू होंगे
दिल्ली-एनसीआर में बस से सफर करने वाले यात्रियों के लिए एप आधारित प्रीमियम बस सेवा शुरू होगी। दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को प्रीमियम बस एग्रीगेटर योजना को मंजूरी दे दी है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा, इस सेवा के शुरू होने से सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल बढ़ेगा। वायु प्रदूषण में कमी आएगी। पूरी तरह वातानुकूलित ये बसें वाई-फाई, जीपीएस, सीसीटीवी की सुविधा से लैस होंगी। इनमें सफर आरामदायक होगा। एग्रीगेटर लाने वाला दिल्ली देश का पहला राज्य है। ब्यूरो >> खड़े होकर सफर की अनुमति नहीं।
मध्य व उच्च मध्य वर्ग को निजी वाहन के बजाय लग्जरी बसों में सफर करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए यह योजना लाई जा रही है। इसके तहत प्रीमियम बसों के एग्रीगेटर्स को लाइसेंस दिए जाएंगे। एक लाइसेंस होल्डर 25 लग्जरी बसें लेकर आएगा, जो दिल्ली की सड़कों पर चलेंगी।
हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश ने चरणबद्ध तरीके से पुरानी बीएस-3 और बीएस-4 डीजल संचालित बसों को बदलने की कार्ययोजना तैयार की है। इसके अलावा, 2023-24 के दौरान नई बीएस-6 डीजल बसों की खरीद की योजना है।
हरियाणा 1,313 नई बीएस-6 डीजल बसें खरीदेगा। राजस्थान 590 बीएस-6 डीजल बसें खरीदेगा और 440 बसों की आउटसोर्सिंग सेवाएं लेगा। इसी तरह उत्तर प्रदेश भी 1,650 से अधिक नई बीएस-6 डीजल बसें खरीदेगा। बैठकों में यह भी बताया गया कि एनसीआर में संबंधित ईवी नीति के अनुसार सीएनजी बसों और ईवी की खरीदी भी चल रही है।
आयोग ने एनसीआर में स्वच्छ बस सेवाओं को सुनिश्चित करने के लिए विस्तृत कार्ययोजना विकसित करने के लिए कई बैठकें की हैं, जिनमें पूरे एनसीआर में बस सेवाओं को दीर्घकालिक (पांच वर्षों के भीतर), मध्यम अवधि में ईवी/सीएनजी बसों के माध्यम से (तीन साल के भीतर) और अंतरिम में ईवी/सीएनजी/बीएस-6 डीजल बसों के माध्यम से लक्षित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। बैठकों के दौरान राज्य सरकारों के पास ईवी/सीएनजी/बीएस-6 डीजल बसों की वर्तमान उपलब्धता, संबंधित राज्यों के विभिन्न क्षेत्रों से दिल्ली और अन्य एनसीआर क्षेत्रों के लिए विभिन्न सेवाओं को पूरा करने के लिए ऐसी बसों की कुल आवश्यकता तथा इन राज्यों द्वारा ऐसी बसों की नई खरीद की स्थिति पर भी विस्तार से विचार-विमर्श किया गया।
दिल्ली-एनसीआर की हवा में बढ़ रहे प्रदूषण पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने चिंता जताई है। एनजीटी ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) व अन्य जिम्मेदार अधिकारियों से पूछा है कि हवा में प्रदूषण को बढ़ने से रोकने के लिए क्या किया गया। एनजीटी अब इस मामले की सुनवाई आठ नवंबर को करेगा।
शुक्रवार को एनजीटी के चेयरमैन जस्टिस प्रशांत श्रीवास्तव और विशेषज्ञ सदस्य डॉ. ए सेंथिल वेल की बेंच ने संबंधित अधिकारियों से जबाव तलब करने का आदेश किया। एनजीटी का कहना है कि जब एक अक्टूबर से ग्रैप लागू है तो हवा में सुधार होना चाहिए। एनजीटी ने बिगड़ती हवा पर संज्ञान उस समय लिया है जब पराली जलने की घटनाएं बढ़ रही हैं।
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