एनआईए की कई राज्यों में छापेमारी
एनआईए ने सोमवार को महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ में 15 स्थानों पर छापेमारी की। इस दौरान टीम ने मानव तस्करी सिंडिकेट से जुड़े पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया। आरोपी भारतीय युवाओं को रोजगार के झांसे में लेकर लाओस, वियतनाम और कंबोडिया जैसे अन्य स्थानों पर भेजते थे।
नई दिल्ली (आरएनआई) राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने सोमवार को कई राज्यों में राज्य पुलिस बल और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के साथ छापेमारी की। इस दौरान टीम ने अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी और साइबर धोखाधड़ी सिंडिकेट में कथित रूप से शामिल पांच लोगों को गिरफ्तार किया। आरोपी भारतीय युवाओं को रोजगार के झूठे वादे पर विदेश ले जा रहे थे।
एक अधिकारी ने बताया कि एनआईए ने महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ में 15 स्थानों पर छापेमारी की। इस दौरान टीम ने वडोदरा के मनीष हिंगू, गोपालगंज के पहलाद सिंह, दक्षिम पश्चिम दिल्ली के नबियालम रे, गुरुग्राम के बलवंत कटारिया और चंडीगढ़ के सरताज सिंह को गिरफ्तार किया।
एक अधिकारी ने बताया कि आरोपियों द्वारा भारतीय युवाओं को लाओस और कंबोडिया सहित अन्य स्थानों पर भेजा जा रहा था। जहां युवाओं को विदेशी नागरिकों द्वारा नियंत्रित करने के साथ ही उन्हें फर्जी कॉल सेंटरों में काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा था। उन्हें ऑनलाइन अवैध गतिविधियां करने के लिए मजबूर किया गया, जैसे क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी, फर्जी एप्लिकेशन का उपयोग करके क्रिप्टो करेंसी में निवेश, हनी ट्रैपिंग आदि।
छापेमारी के दौरान तलाशी में आरोपियों के पास से एनआईए को दस्तावेज, डिजिटल उपकरण, हस्तलिखित रजिस्टर, कई पासपोर्ट और फर्जी विदेशी रोजगार पत्र सहित कई आपत्तिजनक सामग्री मिली। जिसे जब्त कर लिया गया। जांच में पता चला है कि गिरफ्तार आरोपी थाईलैंड, कंबोडिया और वियतनाम से लाओस गोल्डन ट्रायंगल स्पेशल इकोनॉमिक जोन तक भारतीय युवाओं को अवैध रूप से सीमा पार कराने की सुविधा देने के लिए विदेशी तस्करों से समन्वय कर रहे थे।
मानव तस्करी से जुड़ा सिंडिकेट भारत के अन्य हिस्सों के साथ संयुक्त अरब अमीरात, कंबोडिया, वियतनाम, लाओस एसईजेड आदि देशों से जुड़ा हुआ था। इस मामले में राज्य और केंद्रशासित प्रदेश पुलिस बलों द्वारा आठ नई एफआईआर दर्ज की गई हैं।
13 मई को एनआईए ने मानव तस्करी से जुड़े सिंडिकेट के खुलासे के लिए मुंबई पुलिस से जांच अपने हाथ में ली थी। जांच के दौरान एनआईए ने पाया कि सिंडिकेट केवल मुंबई ही नहीं बल्कि देश के विभिन्न हिस्सों से संचालित हो रहा था। जांच के बाद ही एनआईए की टीम ने एक साथ छापेमारी की। गिरफ्तार आरोपियों के तार सीमा पार तस्करों से जुड़े थे। जो भारतीय युवाओं को लुभाकर विदेशों में तस्करी करने में लगे थे।
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