एनआईआरएफ: जीएलए विवि ने देशभर में टॉप 50 में पाया स्थान
फार्मेसी विभाग ने 54 वीं रैंक हासिल की है, पिछले वर्ष 69 वीं रैंक थी
मथुरा। नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) की रैंकिंग में जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा ने इनोवेशन श्रेणी में देश की सभी निजी और सरकारी यूनिवर्सिटीज में टॉप 50 में स्थान प्राप्त किया है।
इस रैंक की प्रमाणिकता दर्शाती है। कि जीएलए विवि न्यूजेन आईईडीसी, ई-सेल, आईआईसी और स्पार्कएल (टीवीआई के माध्यम से छात्रों के बीच इनावेशन और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए कार्यरत है। वहीं देश के 54वीं रैंक हासिल की है। जबकि विश्वविद्यालय में जीएलए पिछले वर्ष 69वीं रैंक थी।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा तैयार एनआईआरएफ रैंकिंग टॉप 50 की सूची में नाम दर्ज करवाकर जीएलए विवि. निजी विश्वविद्यालयों की श्रेणी में शीर्ष 12 में शामिल हो गया है। यह रैंक देश के निजी और सरकारी विश्वविद्यालयों में छात्रों और संकाय सदस्यों के बीच इनोवेशन और उद्यमिता विकास से संबंधित उत्कृष्ट जीएलए के फार्मेसी विभाग ने भी कार्य करने के लिए प्रदान की गई है।
विश्वविद्यालय में जीएलए इंक्यूवेशन सेंटर के माध्यम से 41 स्टार्टअप की शुरूआत हो चुकी है। इसमें से 10 विभिन्न राज्यों में तथा 37 विद्यालय से ही जुड़कर बेहतर सेवाएं दे रहे हैं। कुलाधिपति नारायणदास अग्रवाल ने बताया कि जीएलए विश्वविद्यालय में अब तक 122 इनोवेटिव तैयार किए जा चुके हैं। अब भी 41 स्टार्टअप कार्यरत हैं, जिनमें 15 से अधिक टीमें अपना रजिस्ट्रेशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों में करा चुकी है। जीएलए में कार्यरत स्टार्टअप टीम को ट्रेडमोलेन ई-साइकिल प्रा.लि, फूड़वागोन प्रा.लि, साइवर इमपोस्टर्स ने आर्थिक सहायता दी है। इनके अलावा पिछले 5 वर्षों में विश्वविद्यालय ने 430 पेटेंट दायर किए हैं, जिनमें से 400 प्रकाशित हो चुके हैं और 40 स्वीकृत हो गए हैं।
जीएलए इंक्यूबेशन सेंटर के निदेशक डॉ. मनोज कुमार ने विश्वविद्यालय को मिली उपलब्धि पर कहा कि एनआईआरएफ इनोवेशन रैंकिंग भारत में नवाचार और उद्यमशीलता परिस्थितिकी तंत्र के आधार पर अकादमिक संस्थानों को रैंक करती है। कुलाधिपति ने इस उपलब्धि के लिए कुलपति प्रो. फाल्गुनी गुप्ता, प्रतिकुलपति प्रो. अनूप कुमार गुप्ता, टीम में शामिल वरिष्ठ प्रबंधक रवि तिवारी, जितेन्द्र कुमार, अभिषेक प्रताप गौतम सहित विश्वविद्यालय के अन्य पदाधिकारियों के प्रयासों को सराहा है।
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