एक बार फिर मराठा आरक्षण को लेकर मनोज जरांगे अनशन पर बैठे, कहा- मरते दम तक हड़ताल जारी रखूंगा

अंतरवाली सराटी में अनशन शुरू करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता जरांगे ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार आरक्षण के मुद्दे पर अपना वादा पूरा करने में असफल रही। इसलिए फिर से हड़ताल करनी पड़ रही है। 

Jul 20, 2024 - 15:00
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एक बार फिर मराठा आरक्षण को लेकर मनोज जरांगे अनशन पर बैठे, कहा- मरते दम तक हड़ताल जारी रखूंगा

मुंबई (आरएनआई) मराठा आरक्षण को लेकर एक बार फिर से मोर्चे बंदी शुरू हो गई है। मनोज जरांगे पाटिल फिर से भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। उन्होंने सभी कुनबी (कृषक) और उनके ऋषि सोयरे (रक्त संबंधियों) को मराठा के रूप में मान्यता देने के लिए ओबीसी प्रमाण पत्र की मांग की है। 

जिले में अपने पैतृक गांव अंतरवाली सराटी में अनशन शुरू करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता जरांगे ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार आरक्षण के मुद्दे पर अपना वादा पूरा करने में असफल रही। इसलिए फिर से हड़ताल करनी पड़ रही है। 

इससे पहले, उन्होंने आरक्षण के मुद्दे पर 13 जून को अपना अनिश्चितकालीन अनशन टाल दिया था और सरकार द्वारा समुदाय की मांगों को स्वीकार करने के लिए एक महीने की समय सीमा तय की थी। जरांगे ने कहा, 'मुझे यह अनशन शुरू करना पड़ा क्योंकि सरकार ने अपना वादा पूरा नहीं किया। मैं मरते दम तक हड़ताल जारी रखूंगा।'

उन्होंने कहा कि 29 अगस्त को एक महत्वपूर्ण बैठक होगी, जहां मराठा समुदाय यह तय करेगा कि आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लड़ना है या नहीं। इसके अलावा,  उन्होंने यह भी बताया कि अनिश्चितकालीन अनशन के दौरान वह सात से 13 अगस्त तक राज्यव्यापी दौरा करेंगे।

सामाजिक कार्यकर्ता मनोज ने कहा, 'मैं एंबुलेंस से महाराष्ट्र का दौरा करूंगा और बैठकों को संबोधित करूंगा। इसके बाद विधानसभा चुनाव पर चर्चा के लिए 14 से 20 अगस्त तक अंतरवाली सराटी में कई बैठकें होंगी। 29 अगस्त को अगर समुदाय किसी उम्मीदवार को मैदान में नहीं उतारने का फैसला करता है, तो हम किसी को भी मैदान में नहीं उतारेंगे। हालांकि, हम तब उन लोगों को हराने की दिशा में काम करेंगे जो मराठा आरक्षण का विरोध करते हैं और उनका समर्थन करते हैं जो इसके पक्ष में हैं।

उन्होंने मराठा समुदाय के सदस्यों से विधानसभा चुनावों में उतारे जाने वाले संभावित उम्मीदवारों का डेटा इकट्ठा करने का आग्रह किया, ताकि 14 से 20 अगस्त के बीच उन पर चर्चा हो सके। साथ ही आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन और विपक्षी महा विकास आघाड़ी (एमवीए) उनके आंदोलन का फायदा उठाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा, 'महायुति चाहती है कि मैं चुनाव में 288 उम्मीदवार उतारूं, जबकि एमवीए को उम्मीद है कि मैं इसके बजाय समर्थन करूंगा। मगर, मैं उनकी चाल जानता हूं और मैं उनकी योजनाओं को सफल नहीं होने दूंगा।'

जरांगे ने आरोप लगाया कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार ने आगामी चुनावों के मद्देनजर लड़की बहिन और लडका भाऊ योजनाएं शुरू की हैं। उन्होंने आगे कहा कि कई कल्याणकारी योजनाएं थीं जो अतीत में बंद हो गई हैं। उन्होंने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर धनगर समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी में शामिल करने में विफल रहने का आरोप लगाया और कहा कि ओबीसी नेता मराठों और ओबीसी के बीच कलह पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। 

महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में आरक्षण के मुद्दे पर प्रकाश आंबेडकर के वंचित बहुजन आघाड़ी द्वारा आरक्षण बचाओ जनयात्रा शुरू करने की योजना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'हम उम्मीद करते हैं कि आंबेडकर हमें समर्थन देंगे क्योंकि वह समाज के गरीब और कमजोर तबके के नेता हैं।

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