एक देश एक चुनाव विधेयक पर उद्धव ठाकरे ने केंद्र सरकार को घेरा, कहा- यह मुद्दों से ध्यान भटकाने का प्रयास
'एक देश, एक चुनाव' विधेयक को मंगलवार को लोकसभा में पेश कर दिया गया। कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने विधेयक को सदन के पटल पर रखा। सदन में चर्चा के दौरान विपक्षी दलों ने इस विधेयक का विरोध किया। उद्धव ठाकरे ने कहा कि केंद्र की ओर से लोकसभा में पेश किया गया एक देश एक चुनाव विधेयक देश को परेशान करने वाले मुद़्दों से ध्यान भटकाने का प्रयास है।
नागपुर (आरएनआई) एक देश एक चुनाव विधेयक को लेकर शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने केंद्र सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि केंद्र की ओर से लोकसभा में पेश किया गया एक देश एक चुनाव विधेयक देश को परेशान करने वाले मुद़्दों से ध्यान भटकाने का प्रयास है। उन्होंने एक देश एक चुनाव प्रस्ताव को लागू करने से पहले चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष बनाने की मांग की।
नागपुर में उद्धव ठाकरे ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार को विधानसभा में चुनाव में किए गए अपने वादे पर अमल करना चाहिए। उसे महिलाओं को लड़की बहन योजना के तहत 2100 रुपये देने चाहिए। उद्धव ने 1971 के युद्ध में पाकिस्तान की सेना के आत्मसमर्पण के बाद दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने वाली पेटिंग को साउथ ब्लॉक स्थित सेना के एनेक्सी से दिल्ली से मानेकशॉ सेंटर में भेजने पर भी केंद्र सरकार को घेरा। उद्धव ने कहा कि पेंटिंग को क्यों स्थानांतरित किया गया। यह भारतीय सैनिकों की बहादुरी का प्रतीक था।
'एक देश, एक चुनाव' विधेयक को मंगलवार को लोकसभा में पेश कर दिया गया। कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने विधेयक को सदन के पटल पर रखा। कानून मंत्री मेघवाल ने कहा कि एक साथ चुनाव कराने से संबंधित प्रस्तावित विधेयक राज्यों की शक्तियों को छीनने वाला नहीं है, बल्कि यह विधेयक पूरी तरह संविधान सम्मत है।
सदन में चर्चा के दौरान कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस जैसे बड़े विपक्षी दलों ने इस विधेयक का विरोध किया। इसके बाद विधेयक को पेश करने के लिए वोट पड़े। विधेयक को पेश किए जाने के पक्ष में 269 वोट, जबकि विरोध में 198 वोट पड़े। इसके बाद विधेयक को जेपीसी में भेज दिया गया।
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने विधेयक पेश किए जाने का विरोध करते हुए आरोप लगाया कि यह संविधान के मूल ढांचे पर हमला है तथा देश को तानाशाही की तरफ ले जाने वाला कदम है। उन्होंने यह भी कहा कि विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजा जाना चाहिए।
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