एक अप्रैल 2019 से पहले बेचे गए वाहनों पर भी लगेंगे कलर कोडेड स्टिकर, शीर्ष कोर्ट का आदेश
उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि ईंधन के प्रकार को दर्शाने वाले कलर-कोडेड स्टिकर लगाने का उसका निर्देश 1 अप्रैल, 2019 से पहले खरीदे गए और एनसीआर राज्यों में पंजीकृत वाहनों पर भी लागू होगा।
नई दिल्ली (आरएनआई) उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि ईंधन के प्रकार को दर्शाने वाले कलर-कोडेड स्टिकर लगाने का उसका निर्देश 1 अप्रैल, 2019 से पहले खरीदे गए और एनसीआर राज्यों में पंजीकृत वाहनों पर भी लागू होगा।
न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुयान की पीठ ने सोमवार, 27 जनवरी को 13 अगस्त 2018 के अपने आदेश को संशोधित करते हुए एनसीआर क्षेत्र में 1 अप्रैल 2019 से पहले बेचे गए सभी वाहनों को इसमें शामिल कर लिया।
पीठ ने कहा, "यह आदेश एनसीआर क्षेत्र के सभी वाहनों के लिए लागू था और उक्त आदेश के मद्देनजर 2 अक्तूबर, 2018 तक इसका कार्यान्वयन किया जाना था। हम 13 अगस्त, 2018 को दिए अपने आदेश को संशोधित करते हैं और निर्देश देते हैं कि 1 अप्रैल, 2019 से पहले बेचे गए वाहनों के संबंध में उक्त आदेश के प्रावधान लागू होंगे। और 1 अप्रैल, 2019 को या उसके बाद बेचे गए वाहनों के मामले में जो आदेश के प्रावधानों का अनुपालन नहीं करते हैं, एमवी अधिनियम, 1988 की धारा 192 के तहत कार्रवाई संबंधित सरकारों द्वारा शुरू की जाएगी।"
मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 192 में कहा गया है कि बिना पंजीकरण के वाहन चलाना जुर्माना या कारावास से दंडनीय है।
पीठ ने कहा कि उसके आदेश के अनुसार होलोग्राम आधारित हल्के नीले रंग के स्टिकर पेट्रोल और सीएनजी ईंधन पर चलने वाले वाहनों में इस्तेमाल किए जाएंगे। जबकि डीजल से चलने वाले वाहनों पर नारंगी रंग का स्टिकर लगाया जाएगा।
पीठ ने कहा, "हमने 13 अगस्त, 2018 के आदेश को संशोधित करते हुए निर्देश दिया है कि एनसीआर राज्यों में पंजीकृत सभी वाहनों के संबंध में उक्त आदेश का अनुपालन किया जाएगा। हम संबंधित एनसीआर राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश देते हैं कि 1 अप्रैल, 2019 से पहले एनसीआर राज्यों में पंजीकृत वाहनों के संबंध में भी आदेश के प्रावधानों को लागू किया जाए।"
पीठ ने यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया कि 1 अप्रैल, 2019 से पहले या बाद में एनसीआर राज्यों में पंजीकृत वाहन आदेशों का अनुपालन करें। और एनसीआर राज्य सरकारें स्वामित्व के हस्तांतरण, हाइपोथेकेशन जोड़ने, पते/हाइपोथेकेशन में बदलाव, डुप्लिकेट पंजीकरण, हाइपोथेकेशन को रद्द करने और अनुपालन के बिना फिटनेस संबंधी गतिविधियों की अनुमति न दें।
इसमें कहा गया है, "इसके अलावा, एनसीआर राज्यों को निर्देश जारी करना होगा कि जब तक उक्त आदेश का अनुपालन नहीं किया जाता है, तब तक ऐसे वाहनों को कोई पीयूसी (प्रदूषण प्रमाण पत्र) प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जाएगा।
पीठ ने कहा कि जहां तक दिल्ली का सवाल है, वहां एक हलफनामा है जिसमें कहा गया है कि डीलरों को मूल निर्माताओं द्वारा हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (एचएसआरपी) कलर कोडेड स्टिकर लगाने के काम के लिए अधिकृत किया गया था।
पीठ ने कहा, "हम एनसीआर राज्यों को आज से एक महीने के भीतर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश देते हैं। जिसमें वे यह बताएंगे कि किस तरह वे यह सुनिश्चित करेंगे कि 1 अप्रैल, 2019 से पहले बेचे गए हर वाहन उक्त आदेश के प्रावधानों के अनुरूप हों।"
शीर्ष अदालत ने केंद्र से कलर-कोडेड स्टिकर से संबंधित आदेशों के अनुपालन के संबंध में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से रिपोर्ट मांगने को भी कहा। और कहा कि रिपोर्ट 17 मार्च तक या उससे पहले संकलित और पेश की जानी चाहिए। ताकि 21 मार्च को आवश्यक निर्देश दिए जा सकें।
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