एंटी करप्शन की टीम ने लेखपाल को 10 हजार रिश्वत लेते रंगेहाथ दबोचा
यूपी के हापुड़ में एंटी करप्शन टीम ने एक लेखपाल को 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। लेखपाल पर आरोप है कि उसने चकबंदी में जमीन के नाम दर्ज करने के एवज में रिश्वत मांगी थी। गिरफ्तारी के बाद लेखपाल ने तबीयत बिगड़ने का नाटक किया और उसे अस्पताल ले जाया गया। इस कार्रवाई से सरकारी कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है।

हापुड़ (आरएनआई) जिला मेरठ से आई एंटी करप्शन की टीम ने शुक्रवार को जिला मुख्यालय से दस हजार की रिश्वत लेते लेखपाल (चकबंदी) को रंगेहाथ गिरफ्तार किया है। लेखपाल की शिकायत थाना देहात क्षेत्र के गांव सिकंदरपुर काकोड़ी के युवक ने एंटी करप्शन मेरठ से की थी। जिसके बाद लेखपाल की गिरफ्तारी के लिए जाल बिछाया गया। मामले में लेखपाल के खिलाफ थाना देहात में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।
दिलचस्प बात यह है कि गिरफ्तारी के बाद लेखपाल ने तबीयत बिगड़ने का हवाला दिया। इसके बाद उसे सीएचसी ले जाया गया। जहां से जाते वक्त लेखपाल अपना मुंह छिपाते दिखा। उधर, इस कार्रवाई के बाद जिलेभर के सरकारी कर्मचारियों में अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ है।
थाना बाबूगढ़ क्षेत्र के गांव सिकंदरपुर काकोड़ी के वंश चौधरी ने एंटी करप्शन मेरठ में शिकायत करते हुए बताया था कि गांव चकबंदी में है। उनके पिता चार भाई थे। जिनमें से एक भाई का देहांत हो चुका है। वह अविवाहित थे। उनके हिस्से की जमीन अन्य तीनों भाईयों के नाम होनी थी।
इसके लिए उन्होंने लेखपाल चकबंदी नरेंद्र कुमार गौड़ से संपर्क किया। लेखपाल ने तीनों भाईयों के नाम जमीन चढ़ाने की एवज में 15 हजार रुपयों की रिश्वत मांगी। इसके बाद पीड़ित व लेखपाल के बीच दस हजार रुपये की रिश्वत तय हुई।
शिकायत प्राप्त होने के बाद एंटी करप्शन की टीम ने लेखपाल को रंगेहाथ दबोचने का प्लान बनाया। एंटी करप्शन की टीम ने जिलाधिकारी प्रेरणा शर्मा से इस संबंध में वार्ता की। जिसके बाद दो सरकारी गवाह की व्यवस्था की गई। टीम के कहने पर वंश चौधरी ने रिश्वत के रुपये देने के लिए लेखपाल से जिला मुख्यालय में मिलने का समय लिया।
शनिवार सुबह एंटी करप्शन में निरीक्षक मयंक कुमार अरोड़ा की अगुवाई में निरीक्षक दुर्गेश कुमार सिंह, किशन अवतार, कैलाश चंद, अर्चना आदि हापुड़ पहुंचे। टीम के कहने पर वंश जिला मुख्यालय पहुंच गया। टीम भी वंश पर नजर जमाए उसके ईद-गिर्द ही रही। इसी बीच लेखपाल नरेंद्र कुमार गौड़ भी वहां पहुंच गए। जैसी लेखपाल के हाथों में वंश ने रिश्वत के रुपये थमाये। वैसे ही टीम मौके पर पहुंच गई और उसे दबोच लिया। कार्रवाई की जानकारी पर जिला मुख्यालय में तैनात अन्य सरकारी कर्मचारियों में अफरा-तफरी मच गई।
टीम ने लेखपाल को दबोचा और उसे कोतवाली ले आई। जहां लेखपाल ने तबीयत बिगड़ने का हवाला दिया। जिसके बाद टीम उसे लेकर गढ़ रोड़ स्थित सीएचसी लेकर पहुंची। जहां लेखपाल की चिकित्सकीय जांच की गई। अस्पताल से निकलते वक्त लेखपाल ने दोनों हाथों से अपना चेहरा छिपा लिया। जिसके बाद टीम लेखपाल को लेकर थाना देहात पहुंची।
लेखपाल की गिरफ्तारी की जानकारी आग की तरह क्षेत्र में फैल गई। थाने में काफी संख्या में लेखपाल पहुंच गए। इतना ही नहीं स्थानीय लोगों भी थाने पहुंचे। कार्रवाई के बाद टीम लेखपाल को लेकर मेरठ के लिए रवाना हो गई। टीम लेखपाल को जिला मेरठ स्थित एंटी करप्शन कोर्ट में पेश करेगी। जहां न्यायालय के आदेश के बाद लेखपाल के खिलाफ अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
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